Originally posted by: Serialbestfan
Pehla Bhag thodi der mai padhker tipni dete hai
अवश्य हमे प्रतीक्षा रहेगी 🙂
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Originally posted by: Serialbestfan
Pehla Bhag thodi der mai padhker tipni dete hai
अवश्य हमे प्रतीक्षा रहेगी 🙂
Totally awesome update
Love it
Continue soon
Thanks for pm
Thanks dear glad you like it
Stay tuned & keep commenting 🙏
अद्भुत अत्ती अद्भुत 👏
सर्व प्रथम मैं इस कहानी के प्रस्ताव के लिए और सोनू दी को प्रोत्साहित करने के लिए गोल्डी दी को साथ में इस विषय पर विचार विमर्श करके कहानी लिखना आरम्भ करने के लिए सोनू दी को बहोत बहोत आभार प्रकट करती हूँ 🤗🤗
अब इस कहानी पे चर्चा करते है😊
मुझे इस कहानी का प्रस्ताव बहोत ही उत्तम लगा और उसके सभी पात्र बेहद दिलचस्प है 😍
परन्तु मुझे इस कहानी से एक वीरांगना की कहानी स्मरण हो राही है जो मुझे अतियंत प्रिय है (क्या ये सत्य में वही है जिसकी कल्पना मैं कर रही हूँ🤔 )
मुझे पूर्णतः विश्वास है के यह वही कहानी है और ना भी हो तो मुझे यह पड़ने में बड़ा आनंद मिलेगा😌क्यों के मुझे ऐसे ऐतिहासिक कहानियों में अधिक रूचि है 😀
प्रथम भाग पढ़कर टिपण्णी अवश्य दूंगी इसकी अधिक प्रतीक्षा नहीं करवाउंगी 😁
सन्देश के लिए आभार🤗
अपना ध्यान रखिये 😍
उत्तम अत्ति उत्तम है 👏
प्रथम अध्याय पढ़कर मुझे पूर्णतः विश्वास हो गया है के मेरा अनुमान सत्य है😁
रियांश को राज भवन से दूर रखा गया है ताकि कोई विपत्ति ना आये कुमार पर
अर्जुन और रियांश की मित्रता हो गयी 😍
दोनों ने द्वन्द भी किया पर कोई परिणाम निकल ने से पहले ही अर्जुन को जाना पढ़ा क्योंके उनके पिता को शत्रु महादेव ने मुर्त्यु देदी और उनका राज्य छिन्न लिया😭
परन्तु कुमार अर्जुन भी निडर और साहसी है जो अपने पिता के मृत्यु से आघात तो हुए पर स्वयं को निर्बल नहीं पड़ने दिया😊
किन्तु शत्रु को मृत्यु के घाट उतारकर अपना राज्य फिर से पाने के लिए स्वयं को सक्षम बनाने गुरुकुल पहुँच गए
जहाँ उनकी भेंट फिरसे कुमार अर्जुन से हुई 😊
कुमार अर्जुन रियांश और समीर ने साथ में शिक्षा प्राप्त कर कुशल योद्धा बनगए
रियांश सबसे अलग रहते है जिसको अन्य सहपाठी राजकुमार होने के कारन घमण्डी समझते है
अर्जुन और समीर भी साथ स्नान के लिए बुलाते है परन्तु रियांश पहले से तैयार रहने के कारन दोनों चले जाते है 🤷♀️
रियांश भी पानी भरने नदी के पास जाते है और गिरने वाले होते है के अर्जुन हाथ पकड़कर बचालेते है जिस करान रियांश को विचित्र अनुभूति होती है😉
रियांश समीर विद्या पूर्ति होने के बाद महल पहुँचते है जहा उनका भव्य स्वागत होता है🥳
महाराज समीर को सेनापति और रियांश को राजा घोषित करने का निर्णय लेते है
अगले भाग की प्रतीक्षा रहेगी
सन्देश के लिए आभार🤗
अपना ध्यान रखिये 😍
Originally posted by: sana1819786
अद्भुत अत्ती अद्भुत 👏
सर्व प्रथम मैं इस कहानी के प्रस्ताव के लिए और सोनू दी को प्रोत्साहित करने के लिए गोल्डी दी को साथ में इस विषय पर विचार विमर्श करके कहानी लिखना आरम्भ करने के लिए सोनू दी को बहोत बहोत आभार प्रकट करती हूँ 🤗🤗
अब इस कहानी पे चर्चा करते है😊
मुझे इस कहानी का प्रस्ताव बहोत ही उत्तम लगा और उसके सभी पात्र बेहद दिलचस्प है 😍
परन्तु मुझे इस कहानी से एक वीरांगना की कहानी स्मरण हो राही है जो मुझे अतियंत प्रिय है (क्या ये सत्य में वही है जिसकी कल्पना मैं कर रही हूँ🤔 )
मुझे पूर्णतः विश्वास है के यह वही कहानी है और ना भी हो तो मुझे यह पड़ने में बड़ा आनंद मिलेगा😌क्यों के मुझे ऐसे ऐतिहासिक कहानियों में अधिक रूचि है 😀
प्रथम भाग पढ़कर टिपण्णी अवश्य दूंगी इसकी अधिक प्रतीक्षा नहीं करवाउंगी 😁
सन्देश के लिए आभार🤗
अपना ध्यान रखिये 😍
प्रिय सना,
आपकी टिप्पणी के लिए अति क्षय धन्यवाद🙏💕
आपके अभिनंदन का स्वागत है पर मैने पिछले भाग के समापन पे ही सोनू से अगले भाग के लिए कहा था उचित कहानी अब सूझी तो हमने लिखा
हाँ प्रस्तावना और पात्र थोड़ा भिन्न और रोचक है और कथा में आपको आनंद आएगा
अब अभी से भेद बता दिया तो कथा की रोचकता समाप्त हो जाएगी
मुझे भी एतिहासिक कथाओं में विषेश रूचि है इसलिए तो लिखा है
आशा है कि आपको भाग १ भी रोचक लगेगा
अपके प्रेम और टिप्पणी की प्रतीक्षा रहेगी 🙏🙏
Originally posted by: sana1819786
उत्तम अत्ति उत्तम है 👏
प्रथम अध्याय पढ़कर मुझे पूर्णतः विश्वास हो गया है के मेरा अनुमान सत्य है😁
रियांश को राज भवन से दूर रखा गया है ताकि कोई विपत्ति ना आये कुमार पर
अर्जुन और रियांश की मित्रता हो गयी 😍
दोनों ने द्वन्द भी किया पर कोई परिणाम निकल ने से पहले ही अर्जुन को जाना पढ़ा क्योंके उनके पिता को शत्रु महादेव ने मुर्त्यु देदी और उनका राज्य छिन्न लिया😭
परन्तु कुमार अर्जुन भी निडर और साहसी है जो अपने पिता के मृत्यु से आघात तो हुए पर स्वयं को निर्बल नहीं पड़ने दिया😊
किन्तु शत्रु को मृत्यु के घाट उतारकर अपना राज्य फिर से पाने के लिए स्वयं को सक्षम बनाने गुरुकुल पहुँच गए
जहाँ उनकी भेंट फिरसे कुमार अर्जुन से हुई 😊
कुमार अर्जुन रियांश और समीर ने साथ में शिक्षा प्राप्त कर कुशल योद्धा बनगए
रियांश सबसे अलग रहते है जिसको अन्य सहपाठी राजकुमार होने के कारन घमण्डी समझते है
अर्जुन और समीर भी साथ स्नान के लिए बुलाते है परन्तु रियांश पहले से तैयार रहने के कारन दोनों चले जाते है 🤷♀️
रियांश भी पानी भरने नदी के पास जाते है और गिरने वाले होते है के अर्जुन हाथ पकड़कर बचालेते है जिस करान रियांश को विचित्र अनुभूति होती है😉
रियांश समीर विद्या पूर्ति होने के बाद महल पहुँचते है जहा उनका भव्य स्वागत होता है🥳
महाराज समीर को सेनापति और रियांश को राजा घोषित करने का निर्णय लेते है
अगले भाग की प्रतीक्षा रहेगी
सन्देश के लिए आभार🤗
अपना ध्यान रखिये 😍
प्रिय सना,
आपके अनुमान की सत्यता आपको आने वाले भागों में पता चल जाएगी थोड़ा धैर्य रखे
हाँ माहाराज के शत्रुओं की कमी नहीं इसलिए वो कुमार का विषेश ध्यान रखते हैं
उनके पिता भी मित्र हैं तो रियांश और अर्जुन भी मित्र बन गए
द्वंद्व तो बराबर हुआ किंतु इसी बीच उनके पिता की मृत्यु की सूचना मिली
वह एक युवराज है और उनको प्रजा के लिए यह करना होगा तभी तो वह शिक्षा के लिए गुरु के पास जाते हैं
दोनों मित्र पुनः मिले और संग शिक्षा ली अब तो दोनों कुशल योध्दा है
इसके पीछे एक भेद है किंतु सहपाठी उनको घमण्ड में चूर समझते हैं
हमने कहा ना कि भेद खुलने की प्रतीक्षा करें 😉
हाँ अब शिक्षा समपन्न होने के बाद अब राज कुमार करेंगे
आपकी टिप्पणी के लिए धन्यवाद🙏💕
Hame bhi bhot maza aaya...hindi padhne me...
Arjun ne riyaansh ko chuva to unhe ajeeb laga kahi vo ladki to nahi he..sayad esiliye sabse dur dur akele rehte he....
Ab ye aage hi pata chalega na.
Hame bhi bhot maza aaya...hindi padhne me...
Arjun ne riyaansh ko chuva to unhe ajeeb laga kahi vo ladki to nahi he..sayad esiliye sabse dur dur akele rehte he....
Ab ye aage hi pata chalega na.
Thanks dear glad you like it
Hmmm only costume drama ☺
Ye to ek bada secret hai that will be disclosed in coming parts
Stay tuned & keep commenting 🙂
Amzing update
Loved it
Arjun and Riyaansh become friends
Udhar arjun's ke pita ko yudh mein dhoke se maar diya jaata hai
Arjun uska badla lene ke liye puri taiyaari kar raha hai
Hmmm.....mera doubt dheere dheere confirm ho raha hai
Cont soooon
Naye Rishte The ETF office buzzed with an unusual energy that morning. The scent of freshly brewed coffee lingered in the air as Riya sat at her...
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