on this, let me share few of my favourite words of what happens next
दो न्याय अगर तो आधा हो,
इसमें भी यदि बाधा हो,
तो देदो केवल पांच ग्राम,
रखो अपनी धरती तमाम,
हम वहीं खुशी से खायेंगे,
परिजन पर असी ना उठाएंगे,
दुर्योधन वह भी दे ना सका,
आशीष समाज की ले ना सका.........
............... हित वचन नही तूने माना,
मैत्री का मूल्य ना पहचाना,
तो ले मैं भी अब जात हूं,
अंतिम संकल्प सुनाता हूं,
याचना नही अब रण होगा,
जीवन जय या मरण होगा,
टकराएंगे नक्षत्र -निकर,
बरसेगी भू पर वह्नि प्रखर,
फन शेषनाग का डोलेगा,
विकराल काल अब मुंह खोलेगा,
दुर्योधन! रण ऐसा होगा,
फिर कभी नहीं जैसा होगा,
भाई पर भाई टूटेंगे,
विष-बाण बूँद-से छूटेंगे,
वायस-श्रृगाल सुख लूटेंगे,
सौभाग्य मनुज के फूटेंगे।
आखिर तू भूशायी होगा,
हिंसा का पर, दायी होगा.......
U wrote it?
Amazing as always @red: This line specially