मैं तुम्हे क्या सम्झु, जब तूम जो हों वो दिखाने मैं इतना हिचकिचती हो
मुझसे प्यार की उम्मीद करती हो, और खुद से इतनी दूर भागती हो
तुम्हारी हँसी मैं कोई बात नहीं, अगर कुछ खास हैं तो वो हैं तुम्हारी आँखें
जो तुम्हारी कई अनकही बातें बेजिझक मुझ तक पहुँचा देती हैं
दिल के सैंकड़ों टुकड़े हैं, ओर वो ऐसा हो जो उसमें झांकें, ओर कहें,
काम मुश्किल हैं पर बुनियाद अभी भी ठीक ठाक हैं
दीवारें फिर से खड़े किये जा सकते हैं,
नयी कहानी लिखी जा सकती हैं, पर
पहले जो पुरानी यादें तुम्हे पीछे खींच रही हैं
उन्हें बेख़ौफ़ बेहने दो
तुम्हारी तीखी जुबान पर कभी गौर नहीं करूँगा,
जानता हूँ वो तुम्हारी नाकाम कोशिश हैं अपने जज्बातों को छुपाने की
रिवाजों की लिबास मैं बंद नहीं करूँगा,
जिम्मेदारी की कसौटी पर हर बार नहीं पर्खूगा,
समझता हूँ, तुम भी इनसान हो,
अपने खयाल बुन सकती हो, ओर कभी कभी चूक सकती हो
कपड़े चाहे साधा पेहन लो अगर सजने से तुम्हे बेरुखी हैं,
सीरत से तुम्हारी उजाला हैं ओर तुम्हारी सादगी से मुझे बड़ा लगाव
जमाने के सामने बड़ी ढीट बनती हो, पर आंखें शर्म से सिर्फ मेरे पास आने पर झुकाती हो
समझदारी हर किसी के सामने दिखाती हो, जानता हूँ नादानी सिर्फ मेरे सामने कर सकती हो
शायद तुम्हे उडने के लिए खुला आसमान न दे पाऊँ, ओर तम्हारे हर सपने को अपनी जिंदगी में जगह
कुछ वादे भी आगे चल कर तोडु ओर बेवजह शिकायतें भी करने लगु
पर जब कभी खुद को आयने में देखोगी, फिर कभी अकेला ओर अधूरा नहीं मेहसूस करोगी
दुनिया के लिए तुम एक आम लड़की हो, पर
मेरे लिए हसीन हो, हमसफ़र हो, मेरा पेहला न सही आखिरी इश्क़ हो
My first attempt at writing a poem. I am a telugu girl whose closest friends also belong to the same mother tongue. Wanted to share this with people. If it is wrong to post stuff not related to BB here, I will delete it.