Coronavirus (COVID-19) Updates || Note: pg 55,132|| - Page 63

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Posted: 5 years ago

MIT के शोधकर्ता - कासिम बुखारी और यूसुफ जमील के के कहने के मुताबिक 3 से 17 डिग्री सेल्सियस तक के कम तापमान वाले क्षेत्रों में अधिकांश रूप से कोरोनावायरस संक्रमण पाया गया। हांलाकि उन्होंने यह भी कहा कि गर्म तापमान महामारी फैलने की गति को धीमी कर सकता है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसका प्रकोप नहीं होगा।


गर्म क्षेत्राें कम रहा COVID-19

शोधकर्ताओं के अनुसार, वर्तमान में 18 डिग्री सेल्सियस से अधिक औसत तापमान में गर्मी का सामना कर रहे दक्षिणी गोलार्ध के देशों में भी कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज हुए है। लेकिन ये विश्वस्तर पर फैल रहे संक्रमण का 6 प्रतिशत से कम हिस्सा है।


शोधों में भी किया वैज्ञानिको ने दावा

स्पेन के मिगुएल बी अरूजो और बाबाक नाइमी, फिनलैंड के शोधकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाल कर दावा कि स्थानीय मौसम के कोरोना संक्रमण की गति धीमी रही। उन्होंने ये भी दावा किया कि वायरस का प्रकोप -2 से 10 डिग्री सेल्सियस के बीच तापमान वाले शुष्क क्षेत्रों में ज्यादा हुआ। जबकि जिस स्थान पर ठंड का मौसम काफी रहा है वहाँ कोरोना मामले की संख्या ज्यादा पाई गई है।


लेकिन अगर भारत की बात की जाय तो वहाँ अप्रेल से लेकर जून तक तापमान 18 से 48 डिग्री सेल्सियस तक रहता है और कुछ ऐसे भी छेत्र है जहां 50 डिग्री सेल्सियस तक पहुँच जाता है इसलिए वैज्ञानिको ने कहा की इस तरह की तापमान होने से कोरोना का प्रकोप हद से ज्यादा कम होगा।


दुनिया के सबसे गरम जलवायु वाले देश मैक्सिको, सोमालिया, भारत,सुडान. इरान, अल्जीरिया, इराक, सऊदी अरबिया, लिबिया माना गया है।

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Posted: 5 years ago

चीन को 10 कड़े सवाल : (सवाल नं 6,7,8,9 अवश्य पढ़ें)


1) जहां पूरी दुनिया इससे प्रभावित हो रही है, वहीं चीन में वुहान के अलावा यह क्यों कहीं नहीं फैला? चीन की राजधानी आखिर इससे अछूती कैसे रह गयी?


2) प्रारंभिक अवस्था में चीन ने पूरी दुनिया से इस वायरस के बारे में क्यों छुपाया?


3) कोरोना के प्रारंभिक सैंपल को नष्ट क्यों किया?


4) इसे सामने लाने वाले डॉक्टर और पत्रकार को खामोश क्यों किया? पत्रकार को तो गायब ही कर दिया गया है?


5) दुनिया के अन्य देशों ने जब सूचना साझा करने को कहा तो उसने सूचना साझा क्यों नहीं किया? मना क्यों किया?


6) कोरोना मानव से मानव में फैलता है, इसे छुपाने के लिए WHO के कम्युनिस्ट निदेशक का उपयोग क्यों किया गया? WHO के निदेशक जनवरी में "बीझिंग (चीन)" में क्या कर रहे थे ..... ?????? (प्लान फिक्सिंग कर रहे थे क्या?)


7) "किसी भी अंतरराष्ट्रीय उड़ान के लिए कोई गाइडलाइन जारी करने की जरूरत नहीं है, क्योंकि यह मानव से मानव में नहीं फैलता है" ....ऐसा ट्वीट 11 जनवरी तक WHO करता रहा । क्यों ??? आज साबित हो गया कि कोरोना मानव से मानव में फैलता है... तो फिर WHO ने झूठ क्यों बोला ????


8) वुहान से एकसाथ 50,00,000 लोगों को बिना मेडिकल जांच किए "दुनिया के अलग-अलग हिस्से में" क्यों भेजा गया ..???


9) इटली में 6 फरवरी तक मामूली केस था। एकाएक चीनी 'हम चीनी हैं वायरस नहीं, हमें गले लगाइए।' प्लेकार्ड के साथ दुनिया के पर्यटन स्थल 'सिटी ऑफ लव' के नाम से मशहूर इटली के लोगों को गले लगाने क्यों पहुंचे ???


10) पूरी दुनिया आज चीन और WHO को संदेह की नजर से देख रही है और ताज्जुब देखिए कि एक ही दिन चीन और WHO, दोनों भारत की तारीफ में उतर आए! क्या यह महज संयोग है?


11) और इसके अगले ही दिन भारत में चीन के राजदूत ट्वीट कर उम्मीद करते हैं कि भारत इंटरनेशनल कम्युनिटी में उसकी पैरवी करे। आखिर क्यों? नेहरू की एक गलती का खामियाजा हम भुगत चुके हैं। यह मोदी सरकार है, और उम्मीद है वह कम से कम वह गलती तो नहीं ही दोहराएगी?


12) सार्क से लेकर G-20 तक की बैठक पीएम मोदी के कहने पर हो रही है‌। संकट के समय भारत वर्ल्ड लीडर के रूप में उभरा है। इटली, जर्मनी, स्पेन, फ्रांस, ब्रिटेन, अमेरिका तक जब कैरोना से निबटने में असफल हो रहे हैं तो पीएम मोदी की पहल पर भारत इससे कहीं बेहतर तरीके से डील कर रहा है।


चीन इसी का फायदा उठाकर यह चाहता है कि भारत इंटरनेशनल कम्युनिटी में उसके अछूतपन को दूर करे। अब यह नहीं होगा। चीन संदेह के घेरे में है और रहेगा

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Folks, honestly speaking, it seems like, , WW can happen at any time , sooner or later,...while looking at what China has done.


It's obvious, virus was engineered, mutated, planted and was a planned bio-weapon attack,....it was a lab generated as a biological weapon and China tried its best to hide it,.. bluffed and boasted about the near-by animal cutting meat market,... He killed his own lead doctor to hide lots of Biological weapon secrets,..... Also, China has lost so many people to whom, he buried secretly and no one knows real numbers, how many died !!.....

china's loads of millions of mobile phone numbers now are ghost-town,... no one receives, since that many people died / govt/ slaughtered,.. and those people are not there any more....


China was knowing the remedy and had vaccine for this already before hand, which it will sell now, to other world nations at high prices,.....


And, looking at all above thingies, there's no doubt,...US will get behind them to offset and make them pay, all losses and it will lead to the World war,...


So be smart,... store Indian corn food, transfer the financial amounts to your local nation,.. ! who knows you will have to run to India from US / UK. 'Coz black and white guys will hit all Asians,.. no matter Indians or Pakistanis,.... ! Taliban happened and many Shikhs of India here, also lost their lives with many attacks,..

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Few incidents of local news here in US, shows that in downtown area now they hit Chinese guys by those local vagabond black street boys for having spread this Corona Baloney,....


Something is smelling fishy, and anythg like hugh war may happen in near future,...... It will be racism war against Asians,.....So keep yr financial pack up ready, and store, long lasting foods like rice, Daals and Indian long lasting corns, flours,...


Do your Due Diligence ! I smell smthg real fishy......


DO watch this vdo, if you missed it !! https://bit.ly/2UElsgi

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Edited by Himalaya10 - 5 years ago
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Posted: 5 years ago

Anger towards NRIs,... who brought home, " death" !!


Folks,... try 2 understand the magnitude and its gravity, during this situation !

Yeh koi ordinary virus nahin hai,..


Lab mein, badi mehnut se banaya gaya, engineered kiya huaa,.. mutated, planted, incurable, Bio-logical weapon, a Killer virus hai,... spreads like a bullet train,..

take NO chance , to taste this poison,... !


Just isolate yrself,.. and don't go outside,...... God Bless all,.....

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https://youtu.be/sZaR-jWs7rw


This is really shocking what the Commissioner of Police, Thane Shri Vivekji Phansalkar has stated.... unbelievable!

Edited by Himalaya10 - 5 years ago
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Posted: 5 years ago

That's the thing. For SO many its almost sure health by hunger or probable death by coronavirus.

This lockdown is a necessity obviously, but there has to be a plan in place for people who live on day-to-day earnings. The economically weakest are always the worst hit, no matter the crisis.


I did read about the government providing ration at subsided rates to the ones below the poverty line. Anyone knows if/how that is being implemented?

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Posted: 5 years ago

Sarkar ne appeal ki hai ki higher income group bhi apne ghar ke aas pass labour ko food dekar help kareiin jub the lock down hai


Labour ki financial help unhe food dena only central government ki duty nahi , higher income group citizens ki duty bhi hai

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Posted: 5 years ago

*बिग ब्रेकिंग*


पूरी दुनिया में पांव पसार चुका कोरोना वायरस देशभर के वैज्ञानिकों के लिए चुनौती बना हुआ है क्योंकि अभी तक इसका कोई भी कारगर इलाज सामने नहीं आ सका है। कई देशों के वैज्ञानिक इस दिशा में प्रयासरत हैं। ऐसा ही एक प्रयास स्विटजरलैंड के लॉजेन विश्वविद्यालय के बायो केमेस्ट्री लैब में भी चल रहा है।


खास बात यह है कि इस लैब में वैज्ञानिकों की जो टीम कोरोना वायरस के इलाज के लिए दवा विकसित करने में जुटी हुई है, उसमें प्रयागराज के यूइंग क्रिश्चियन कॉलेज (ईसीसी) से बीएससी करने वाले वैज्ञानिक डॉ. सत्यम तिवारी भी शामिल हैं। डॉ. सत्यम मूलत: चित्रकूट के रहने वाले हैं। 'हिन्दुस्तान' से टेलीफोन पर हुई बातचीत में डॉ. सत्यम ने बताया कि कोरोना के इलाज के लिए उनकी लैब में जो दवा विकसित की गई है, उसका चूहे पर सफल परीक्षण हो चुका है। इस नतीजे से डॉ. सत्यम तो उत्साहित हैं ही, उन्हें पढ़ाने वाले शिक्षक डॉ. संजय मिश्रा और डॉ. उमेश प्रताप सिंह सहित ईसीसी के शिक्षक भी इस उपलब्धि पर गदगद हैं।


डॉ. सत्यम का दावा है कि 2009 में कोरोना से मिलती जुलती एक और खतरनाक बीमारी चीन में हुई थी। उनके विश्वविद्यालय के प्रो. पीयर ग्लोबिनाश ने इसी के बाद बायो केमेस्ट्री लैब में दवा बनाने की दिशा में काम शुरू किया था। डॉ. सत्यम का दावा है कि मानव शरीर में मिलने वाले मॉलीक्यूलर सेप्रान प्रोटीन (एचएसपी) से कोरोना का काफी हद तक उपचार संभव है।


उन्होंने बताया कि सार्स (एसएआरएस) वायरस में फेफड़ों की कोशिकाएं नष्ट हो जाती हैं। श्वांस लेने में दिक्कत इसी से शुरू होती है। उन्होंने बताया कि दवा बनाने की प्रक्रिया के दौरान मनुष्य के शरीर में पाए जाने वाले मॉलीक्यूलर सेप्रान प्रोटीन (एचएसपी) को जिन क्लोनिंग के माध्यम से वैक्टीरिया में परिवर्तित कर इस वैक्टीरिया को प्यूरीफाई कर दवा तैयार की गई है।


डॉ. सत्यम ने ईसीसी से बीएससी करने के बाद झांसी में बायो टेक्नोलाजी से एमएससी किया। इसके बाद सीएसआईआर आईजीआईबी से पीएचडी की डिग्री हासिल की। वह लॉजेन विवि में वैज्ञानिक के पद पर कार्यरत हैं।

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Posted: 5 years ago

भले आज भारत लॉक डाउन है, पर चीन के सभी शहर खुले हुए है और तो और 8 अप्रैल से चीन वुहान को भी खोलने की घोषणा कर चूका है, चीन में एक भी नेता को, एक भी मिलिट्री लीडर को, 1 भी बड़े आदमी को कोरोना नहीं हुआ है

कोरोना वायरस ने दुनिया भर में इकॉनमी को बर्बाद कर दिया है, हजारों की जान जा चुकी है, लाखों को ये बीमारी हो चुकी है और अनगिनत लोग घरों में बंद कर दिए गए है, कई देशों में लॉक डाउन हो चूका है जिसमे भारत भी एक है

कोरोना वायरस चीन के वुहान शहर से निकला है, और अब ये दुनिया के कोने कोने में पहुँच चूका है, पर ये वायरस वुहान के ही पास चीन की राजधानी बीजिंग और आर्थिक राजधानी शंघाई तक नहीं पहुंचा

आज पेरिस बंद है, न्यू यॉर्क बंद है, बर्लिन बंद है, रोम बंद है, दिल्ली बंद है, मुंबई बंद है, टोक्यो बंद है, दुनिया के प्रमुख आर्थिक और राजनतिक केंद्र बंद है पर बीजिंग और शंघाई खुले हुए है, वहां कोरोना ने कोई असर ही नहीं दिखाया, गिने चुने केस सामने आये पर एक तरह से बीजिंग और शंघाई पर कोरोना का कोई असर ही नहीं हुआ


The corona Virus travelled entire world from Wuhan but it did not reached Beijing and Shanghai

बीजिंग वो शहर है जहाँ चीन के सभी नेता रहते है, यहाँ मिलिट्री लीडर रहते है, चीन की सत्ता को चलाने वाले यहाँ रहते है, बीजिंग में कोई लॉक डाउन नहीं है ये खुला हुआ है यहाँ कोरोना का कोई असर नहीं

शंघाई वो शहर है जो चीन की इकॉनमी को चलाता है, ये चीन की आर्थिक राजधानी है, यहाँ चीन के सभी अमीर लोग रहते है, इंडस्ट्री को चलाने वाले रहते है, यहाँ भी कोई लॉक डाउन नहीं, यहाँ कोरोना का कोई असर नहीं

क्या कोरोना एक पाला हुआ वायरस है जिसे बता दिया गया है की तुम्हे दुनिया भर में आतंक मचाना है पर तुम बीजिंग और शंघाई नहीं आओगे, चीन से ये सवाल पूछा जाना बहुत जरुरी है की जब दुनिया के बड़े बड़े विकसित देश कोरोना को नहीं रोक सके, दुनिया के बड़े बड़े शहरों में कोरोना ने आतंक मचा दिया तो ये विरुस्व बीजिंग क्यों नहीं पहुंचा, शंघाई क्यों नहीं पहुंचा

बीजिंग और शंघाई वुहान से लगे हुए इलाके ही है, वुहान से निकला वायरस दुनिया के कोने कोने में पहुँच गया पर ये वायरस और शंघाई नहीं पहुंचा

आज पूरा भारत और 130 करोड़ भारतीय भले लॉक डाउन हो चुके है, हमारी इकॉनमी ठप्प हो रही है पर छेने के सभी प्रमुख शहर खुले हुए है और तो और कब 8 अप्रैल से चीन वुहान को भी खोल रहा है, पूरी दुनिया आतंक से त्रस्त हो चुकी है पर चीन में अब नए केस भी सामने नहीं आ रहे है और चीन खुला हुआ है

एक और बड़ी चीज ये की दुनिया भर के शेयर मार्किट लगभग आधा गिर चुके है, भारत में भी निफ्टी 12 हज़ार से 7 हज़ार तक पहुँच गया है, पर चीन का शेयर मार्किट 3 हज़ार पे था जो 2700 पर ही है, चीन के मार्किट पर भी इस वायरस का कोई असर नहीं

ये जो भी चीजें है वो सिर्फ एक बात की ओर इशारा करती है की कोरोना चीन का बायो केमिकल हथियार है, जिसे चीन ने दुनिया भर में तबाही के लिए बनाकर छोड़ दिया है, अपने यहाँ कुछ लोगो को मरवा कर चीन ने अब इस वायरस पर कण्ट्रोल कर लिया है, कदाचित उसके पास दवाई भी है जो वो दुनिया से शेयर नहीं कर रहा है

दुनिया में बड़े बड़े लोगो को कोरोना हो चूका है, हॉलीवुड स्टार, ऑस्ट्रेलिया के गृह मंत्री, ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री, स्पेन के प्रधानमत्री की पत्नी और अब तो ब्रिटेन के प्रिंस चार्ल्स को भी कोरोना हो चूका है, पर चीन में एक भी नेता, एक भी मिलिट्री कमांडर को कोरोना ने टच भी नहीं किया है
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Posted: 5 years ago

जब पूरी दुनिया को कोरोवायरस महामारी से लड़ने के लिए टीके और दवाओं का इंतजार है। बचाव का एक तरीका सबसे लोकप्रिय हो रहा है। दुनिया भर के डॉक्टरों और वैज्ञानिकों ने यह मानना ​​शुरू कर दिया है कि कोरोनोवायरस संक्रमण से निपटने के लिए गर्म पानी और साबुन से ज्यादा प्रभावी कुछ भी नहीं है। वैज्ञानिकों का कहना है कि वायरस को मारने में गर्म पानी और साबुन का मिश्रण सबसे प्रभावी है।


राममनोहर लोहिया अस्पताल के मेडिसिन विभाग के पूर्व प्रमुख डॉ। मोहसिन वली का कहना है कि कोरोनावायरस 30 डिग्री से ऊपर के तापमान में मारा जाता है। यही कारण है कि अब दुनिया भर के वैज्ञानिक और डॉक्टर इस वायरस से संक्रमण से खुद को बचाने के लिए गर्म पानी और साबुन का उपयोग कर रहे हैं। इस संयोजन का उपयोग आपके शरीर से वायरस को हटाने के लिए भी किया जा सकता है।


संयुक्त राज्य अमेरिका में पिट्सबर्ग अस्पताल में शिशु संक्रमण विभाग के प्रमुख डॉ। जॉन विलियम्स ने बताया है कि गर्म पानी में साबुन अधिक झाग पैदा करता है। किसी भी प्रकार का वायरस गर्म पानी में घुल जाता है और बाहर निकल जाता है या नष्ट हो जाता है। अधिकांश वैज्ञानिक इन दिनों ठंडे पानी के बजाय गर्म पानी से हाथ धोने को प्राथमिकता दे रहे हैं।


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Posted: 5 years ago

कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच पूरी दुनिया में हाहाकार मचा है। कई जगह लोग इसके संक्रमण से बचने के लिए तरह-तरह की दवाएं खा रहे हैं। वहीं, केजीएमयू में भर्ती दो कोरोना संक्रमित मरीजों को कोई दवा नहीं दी जा रही। डॉक्टरों का दावा है कि मरीजों की श्वसन प्रक्रिया पूरी तरह बेहतर है। ऐसे मरीजों का इम्यून सिस्टम ही कोरोना वायरस से लड़ने में सक्षम है। यही कारण है कि डॉक्टर सिर्फ मरीजों की निगरानी कर रहे हैं।


केजीएमयू के मेडिसिन विभाग के डॉ. डी हिमांशू ने बताया कि इंटरनैशनल गाइडलाइन के मुताबिक ही मरीजों को कोई दवा नहीं दी जा रही। फिलहाल कई जगह कोरोना संक्रमित मरीजों को नजला-जुकाम वाली दवा क्लोरोक्विन दी जा रही है। यह मलेरिया की दवा है।
इसके अलावा कोरोना के जिन गंभीर मरीजों में निमोनिया के लक्षण होते हैं, उन्हें लोपिनाविर-रिटोनाविर दवा दी जाती है। यह एड्स की दवा है। हमारे पास ये सभी दवाएं मौजूद हैं, लेकिन इनके कई दुष्प्रभाव भी होते हैं। ऐसे में लोग खुद से कोई दवा न खाएं।


वेंटिलेटर तक की सुविधा
डॉक्टरों के मुताबिक, दोनों मरीजों की हालत बेहतर है। जरूरत पर ही कोई दवा दी जाएगी। डॉ. डी हिमांशु ने बताया कि विभाग में पॉजिटिव मरीजों के इलाज के लिए सीपैप मशीन से लेकर वेंटिलेटर तक का इंतजाम है।


मरीजों के लिए घर जैसा माहौल
डॉक्टरों के मुताबिक, दोनों मरीजों को घर जैसा माहौल दिया जा रहा है। दोनों के पास लैपटॉप-मोबाइल हैं। वे ऑनलाइन विडियो देख रहे हैं। फोन पर घरवालों से बात भी कर रहे हैं। उन पर कोई मानसिक दबाव नहीं हो रहा।


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Posted: 5 years ago

कोरोना वायरस के मामले भारत में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। इस वजह से लोगों में डर का माहौल भी हैं। यही डर युवाओं को साइको सोमेटिक का शिकार बनाता जा रहा है। मानसिक रोग विशेषज्ञ के मुताबिक डर के माहौल की वजह से भले ही लोग शारीरिक रूप से बीमार न हो रहे हो, लेकिन यह डर उन्हें मानसिक सेहत को कमजोर करने के लिए काफी है। इसका असर इम्युनिटी (प्रतिरोधक क्षमता) पर भी पड़ रहा है। अगर इसे कंट्रोल नहीं किया गया तो आने वाले वक्त में यह स्थिति बेहद खतरनाक साबित हो सकती है।


कोरोना का डर अब लोगों में साफ तौर पर दिखाई दे रहा है। युवा से लेकर बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं कोरोना वायरस को बखूबी जान भी गए है। लेकिन इन सबके बीच युवा कोरोना वायरस को लेकर पैनिक भी हो रहे है। इसका असर है कि जिला अस्पताल और बीआरडी मेडिकली कॉलेज के मानसिक रोग (सायकायट्रिस्ट) विभाग में 20 में से 8 से 10 युवा इलाज के लिए पहुंच रहे है।


ओपीडी में युवाओं की संख्या अचानक बढ़ी है। बीआरडी मेडिकल कॉलेज के मानसिक विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ तपस कहते हैं वायरस का जो डर है युवाओं के बीच असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है कि आगे उनकी नौकरी रहेगी या नहीं, वायरस से संक्रमित हो गए तो परिवार का क्या होगा। इसकी वजह से युवा साइको सोमेटिक के मरीज बनते जा रहे है। ऐसे लोग मेडिसिन विभाग में इलाज के लिए आ रहे है। बताया कि साइको सोमेटिक में युवाओं को एंग्जायटी, नींद का न आना, अचानक हार्ट अटैक, सांस की परेशानी, इम्युनिटी सिस्टम को कमजोर कर देती है। इसकी वजह से खतरा ज्यादा है। अगर यही सिलसिला चलता रहा, तो युवाओं में बुजुर्गों से ज्यादा खतरा है।


सोशल मीडिया बिगाड़ रहा खेल

सोशल मीडिया कोरोना वायरस को लेकर और खेल बिगाड़ रहा है। डॉ तपस ने बताया कि जिन लोगों में पहले से ही डिप्रेशन, ओसीडी (एक बीमारी जिसमें लोग ज्यादा सोचते हैं और उन्हें डर लगता ) जैसी समस्या है, उर पर यह बुरा असर डाल रहा है।

युवा सोशल मीडिया पर ज्यादा जुड़े है, ऐसे में जो चीजें सुन और देख रहे है। तो उनमें मन में और डर और बैचेनी हो रही है। ऐसी स्थिति में मास पैनिक की स्थिति आ जाती है, जो मौजूदा समय में ज्यादा देखने को मिल रही है। इसकी वजह से केस भी बढ़ गए है।


इस तरीके से कर सकते है बचाव
डॉ. तपस ने बताया कि इससे बचने के लिए लोगों को पॉजिटिव सोचना होगा। युवाओं को सोशल मीडिया से दूर रहना होगा। क्योंकि सोशल मीडिया पर नाकारात्मक न्यूज कोरोना वायरस को लेकर ज्यादा आ रही है।


डब्लूएचओ के अनुसार ऐसे बचाएं खुद को बचाएं स्ट्रेस होने से
खानपान पर्याप्त और सही रखें। पूरी नींद लें और समय-समय अपने परिचितों से बातें करें। तनाव मुक्त करने के लिए शराब और सिगरेट का इस्तेमाला बिल्कुन न करें। जरा सी भी परेशानी होने पर डॉक्टर से सलाह लें।


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Posted by: vijay · 1 years ago

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