LOVE IN CORONA (भाग 7 )
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अब मेरा वरुण का सामना करने की हिम्मत नहीं होती थी ! यह वही वरुण तो था, कितना अच्छा दोस्त था मेरा ! जिससे दिल की हर बात करती थी अब उसके सामने जाने से घबरा रही थी ! दोपहर को ऑन्टी के जाने के बाद वो मेरे कमरे में आया ! मैंने दूसरी तरफ करवट ले ली ! वो मेरे पास आया आधा लेटा और मुझे कंधे से पकड़ कर अपनी तरफ खिंचा और बोला कि मुझसे कोई गलती हो गयी क्या ! मैंने कहा नहीं तो ! तो बोला कि मुझसे ऑंखें क्यों चुरा रही हो ! तो मैं बोली कि मुझे अब शरम आ रही है ! वरुण बोला वही मीशा है वही वरुण , क्या बदला है? मैंने कहा कि रिश्ता बदला है ! दोस्ती से प्यार में बदला है ! तो वो बोला कि पगली रिश्ता तो और भी गहरा हुआ है ना ! तो वो बोली इसीलिए तो शरमा रही हूँ कि तुम्हारे अधिकार अब पहले से ज्यादा हो गए हैं ! वरुण ने अपना मुँह मेरे पास किया और मेरे गाल पर kiss कर दिया ! मैं कुछ नहीं बोल पायी और मुँह फिर से परे कर लिया ! उसने कहा कि क्या वो वहां से चला जाये? मैं एकदम से उसकी तरफ पलटी और उसका हाथ पकड़ के बोली कि नहीं जाना ! वो खुश हो गया और मेरे पास बैठ गया ! अपनी गाल पर इशारा करते हुए बोला कि यहाँ पर kiss करे ! मैं अब उसके साथ पहले से ज्यादा खुला सा महसूस कर रही थी ! मैं उठी और एकदम से उसकी गाल पर kiss करने लगी ! अभी किया ही था कि एकदम से ऑन्टी अंदर आ गए और मुझे यह करते देख लिया ! और सॉरी सॉरी बोलते बोलते बाहर निकल गए ! मेरे ऊपर तो जैसे घड़ों पानी गिर गया हो ! बहुत शर्म आ रही थी मुझे ! वरुण बोला कि चिंता ना करो मम्मी को बुरा नहीं लगा होगा ! मैं सोच रही थी मैं अब उनका सामना कैसे करुँगी ! इतने में मम्मी दुबारा आयीं और हँसते हुए बोली कि तुम चिंता ना करो गलती मेरी ही है ! अब मुझे दरवाजा खटखटा कर अंदर आना पड़ा करेगा ! मैं बोली कि मम्मी आप कभी भी कैसे भी अंदर आ सकते हो अब वो शिकायत नहीं मिलेगी ! मम्मी बोली कि नहीं यह कोई शिकायत वाली बात नहीं तुम्हारा हक़ है ! मैं खुश हो गयी थी ! मैंने उनसे कहा कि अब मैं एकदम ठीक हूँ और खाना कल से मैं ही बनाउंगी ! मम्मी बोली कि अब तो तुमसे सारा काम करवाना ही है अब तो यह हमारा हक़ है ! और हंस दीं !
रात का खाना खाने के बाद सब लोग हम एक साथ सोफे पर बैठ गए और अब सारी पोल खुलनी शुरू हुई ! मम्मी ने बताया कि वरुण तुम्हे शुरू से पसंद करता था ! पर उसकी बोलने की हिम्मत नहीं हो रही थी ! उसे लगता था कि उसकी किसी भी बात से मेरे आत्मसम्मान को ठेस ना पहुंचे ! मैंने मन में सोचा कि कितनी ऊँची सोच है इसकी ! मम्मी बोल रहे थे कि वो कितना भी जिंदादिल क्यों ना हो, वो अंदर से शर्मीला है ! मैं उसकी तरफ देख कि मुस्कुरा दी, वो भी मेरे मुस्कुराने पर मुस्कुराया ! पापा बोले हर वक्त तेरा नाम रटता रहता था ! हमें तुम दोनों के बीच हुई बातें सुना सुना कर पकाता रहता था ! हम तो तुम्हे कब से अपने घर बुलाना चाहते थे क्यूंकि हम भी देखना चाहते थे कि कौन है वो लड़की जिसकी ये इतनी तारीफ करता है ! मैंने कहा पापा मैं कहाँ इतनी तारीफ कि काबिल, आप लोग तो मेरे लिए देवता जैसे हो ! आप लोगों ने मेरी अपनी बेटी जैसे ही देखभाल की है ! वरना कौन किसी के लिए इतना करता है ! पापा बोले हम कुछ नहीं बेटा इतना बड़ा ओहदा ना दो हमें ! हम एक अच्छे इंसान ही बन जाएँ तो ठीक है ! आज सबसे ज्यादा बोलने वाले इंसान एकदम चुप बैठे थे ! मैंने वरुण को कुहनी मारी ! शायद मम्मी का ध्यान उस पर चला गया था ! मैं पूछ रही थी वो चुप क्यों है ! वो बोला कि तुम्हे शुरू से ही पसंद करने लगा था ! मैंने भी बोल दिया कि मैं कब से अपनी माँ के साथ तुम्हारे बारे में बात करती थी ! पर मेरी भी कहाँ हिम्मत होती थी ! तो मम्मी बोले कि बेटा तुम दोनों आज कि ज़माने कि होते हुए भी बहुत संस्कारी हो और तुम लोगों के इन संस्कारों ने ही तुम्हे थोड़ा रोक के रखा ! मम्मी बोली कि ये अभी उसी तरह तुम्हारे साथ रहेगा क्यूंकि तुम एकदम से ठीक नहीं हो और तुम्हे चिंता करने की कोई जरुरत नहीं यह अपनी सीमाओं में रहेगा ! मैंने कहा हाँ हाँ मम्मी मुझे पता है कि वरुण बहुत अच्छे हैं और अपनी सीमायें भली भांति जानते हैं ! वरुण ने अपनी तारीफ सुन कि मेरा हाथ पकड़ लिया जो किसी ने नहीं देखा ! मैं बस मुस्कुरा ही सकी !
फिर कितनी ही देर शादी के बारे में चर्चा होती रही ! शादी के लिए पंडित जी ने एक हफ्ते बाद का मुहूर्त निकला था ! शादी में दोनों परिवारों के अतिरिक्त वरुण की बहन और जीजा, वरुण के मामा, एक उसके चाचा बस यही लोग शामिल हो पाने थे क्यूंकि इस महामारी के वक्त कम से कम लोग ही एक जगह एकत्रित होने थे और वो भी सरकार के नियम अनुसार ! मैं सोच रही थी कि यह सच में हो रहा था या कि कोई सपना था ! मुझे अपनी वो बात याद आ रही थी जब मैंने सोचा था कि काश यहाँ से मुझे जाना ही ना पड़े ! तो वो बात तो शायद अब सच ही हो जानी थी ! एक हफ्ता तो ऐसे ही बीत जायेगा यह लोग कहाँ मुझे जाने देने वाले हैं ! Corona की वजह से कुछ चीजें उलट भी होने वाली हैं ! शादी मेरे घर होनी चाहिए पर यह लोग तो इसकी योजना यहाँ बना रहे हैं! पर अब किया भी क्या जा सकता है ! मम्मी को कुछ बात ध्यान आयी वो एक मिनट आयी बोल कर ऊपर अपने कमरे में गए और जब वो वापिस आये तो उनके हाथ में दो अंगूठियां थी ! एक लेडीज और एक जेंट्स ! मैं हैरानी से देखे जा रही थी ! उन्होंने हमारे दोनों के हाथ में अंगूठियां पकड़ाई और एक दूसरे के डालने को बोला और पापा को वीडियो बनाने को बोला ! पापा बोले के यह हमारे बेटे की अनोखी रिंग सेरेमनी होगी, corona की वजह से ! सब लोग हंस पड़े ! पापा वीडियो बना रहे थे और हम एक दुसरे को अंगूठी पहना रहे थे ! पापा और मम्मी ने तालियां बजायी ! और इस तरह से आधिकारिक रूप से हमारा रिश्ता हो गया ! मम्मी ने जैसे पहले ही सब योजना बनाया हुई थी ! वे रसोई में गयीं और हलवा लेके आयीं ! और हम दोनों का मुँह मीठा करवाया ! फिर मैंने भी पापा और मम्मी का मुँह मीठा करवाया ! अब मैं एक तरह से इस फॅमिली का हिस्सा बन गयी थी !
मैंने माँ को अपनी रिंग ceremony की वीडियो भेजी उन्होंने खूब आशीर्वाद दिया हम दोनों को ! एक डेढ़ महीने पहले जिसे अच्छे से जानती भी नहीं थी वो अब मेरा जीवन साथी बनने जा रहा था ! मैंने और मम्मी दोनों ने माँ से फ़ोन पर बात की वो लोग अगले ही दिन आने वाले थे सारी बातचीत करने ! यहाँ मम्मी के सम्बन्ध सबसे इतने अच्छे थे कि कपडे और गहने वाले अगले ही दिन विभिन्न प्रकार कि डिज़ाइन लेकर आने वाले थे ! वो जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा करना चाहती थी ! मैंने कहा कि आप इतनी चिंता ना करो जितना अभी होता है उतना कर लेते हैं बाकि बाद में हो जायेगा ! मम्मी बोले जितना मेरे वश में है उतना तो मैं करुँगी ही ! फिर वो लोग अपने कमरे में चले गए ! मैं भी वरुण के साथ थोड़ा सा सहारा लेकर अपने कमरे में चली गयी ! अंदर जाते ही आज वरुण ने एक काम किया, उसने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया ! मैं थोड़ी घबरा गयी, हालाँकि वरुण पर मुझे पूरा भरोसा था ! फिर भी क्या पता था उसके मन में क्या चल रहा था ! मैंने पूछा दरवाजा क्यों लगाया ! तो मुस्कुराते हुए बोला कि आज हमारा रिश्ता हो गया है ! मैंने कहा हाँ ! बोला तो फिर एक lip kiss तो बनती है ! मैं मुस्कुराने लगी और बोली कि एक हफ्ते का इंतज़ार करो सब मिलेगा ! वो बोला कि बाकि सब चीजों के लिए एक हफ्ते तक रुक सकता हूँ पर kiss तो आज करनी ही पड़ेगी ! इतना तो उसका हक़ था ! हम दोनों खड़े थे अभी, मैंने ऑंखें बंद कर ली, जो कि kiss के लिए मंजूरी थी ! उसने मेरे होंठों पे अपने होठ रख दिए और अच्छे से kiss किया ! और यह करते वक्त हम दोनों ने जफ्फी डाली हुई थी ! मैं भी उसकी बाँहों में बहुत अच्छा महसूस कर रही थी ! अभी kiss समाप्त ही हुई थी कि मेरा फ़ोन बज उठा ! यह वरुण की बहन थी ! वैसे मेरी उससे पहले भी 2 - 3 बार बात हुई पर आज फर्क इतना था कि उसने मुझे भाभी कह कि बुलाया ! मैंने भी उसे आरती नहीं दीदी बोला ! हम लोगों का आज से गहरा रिश्ता बन गया था ! वो अब मेरी ननद थी ! वो बोली कि उसे भी पहले ही पता था कि वरुण मुझे पसंद करता है ! मैंने सोचा सबको पता था एक मुझे ही पता नहीं था बस ! हम दोनों की थोड़ी देर बात हुई फिर उसने यह कहते हुए फ़ोन रख दिया कि अब शादी में मुलाकात होगी ! मेरे पैर ज़मीन पर नहीं लग रहे थे ! उसने मुझे आराम से लेटने में मदद की ! और मेरे पास बैठ गया ! मैंने कहा कि अगर यहाँ लेटना चाहो तो लेट जाओ पर थोड़ी दूरी बना के रखना होगा अभी ! वो बोला कि नहीं अभी नहीं जब साथ लेटना होगा तो अच्छी तरह से लेटूँगा ! मैंने मुस्कुराते हुए कहा कि जैसी तुम्हारी मर्जी ! उसने फिर मेरे गाल पर kiss किया और मेरे सामने कुर्सी पर बैठ गया ! उसने मेरा हाथ पकड़ा हुआ था ! बोला कि एक हफ्ते बाद हम पति पत्नी होंगे ! मैंने कहा हाँ मैं तो कब से यही सोच रही हूँ ! देखो मैं इस घर में किन हालात में आयी थी और अब यहीं की होकर रह गयी ! वरुण बोला कि यह सब भगवान तय करते हैं हम तो बस उनके खिलाये हुए खेल खेलते हैं !
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