Writers Corner: Books, Stories & Poems

My Short Hindi Stories - Page 6

Created

Last reply

Replies

51

Views

2179

Users

2

Likes

2

Frequent Posters

chandermittal thumbnail
Group Promotion 1 Thumbnail
Posted: 3 years ago

LOVE IN CORONA (भाग 7 )

                                                                   ::3::


अब मेरा वरुण का सामना करने की हिम्मत नहीं होती थी ! यह वही वरुण तो था, कितना अच्छा दोस्त था मेरा ! जिससे दिल की हर बात करती थी अब उसके सामने जाने से घबरा रही थी ! दोपहर को ऑन्टी के जाने के बाद वो मेरे कमरे में आया ! मैंने दूसरी तरफ करवट ले ली ! वो मेरे पास आया आधा लेटा और मुझे कंधे से पकड़ कर अपनी तरफ खिंचा और बोला कि मुझसे कोई गलती हो गयी क्या ! मैंने कहा नहीं तो ! तो बोला कि मुझसे ऑंखें क्यों चुरा रही हो ! तो मैं बोली कि मुझे अब शरम आ रही है ! वरुण बोला वही मीशा है वही वरुण , क्या बदला है? मैंने कहा कि रिश्ता बदला है ! दोस्ती से प्यार में बदला है ! तो वो बोला कि पगली रिश्ता तो और भी गहरा हुआ है ना ! तो वो बोली इसीलिए तो शरमा रही हूँ कि तुम्हारे अधिकार अब पहले से ज्यादा हो गए हैं ! वरुण ने अपना मुँह मेरे पास किया और मेरे गाल पर kiss कर दिया ! मैं कुछ नहीं बोल पायी और मुँह फिर से परे कर लिया ! उसने कहा कि क्या वो वहां से चला जाये? मैं एकदम से उसकी तरफ पलटी और उसका हाथ पकड़ के बोली कि नहीं जाना ! वो खुश हो गया और मेरे पास बैठ गया ! अपनी गाल पर इशारा करते हुए बोला कि यहाँ पर kiss करे ! मैं अब उसके साथ पहले से ज्यादा खुला सा महसूस कर रही थी ! मैं उठी और एकदम से उसकी गाल पर kiss करने लगी ! अभी किया ही था कि एकदम से ऑन्टी अंदर आ गए और मुझे यह करते देख लिया ! और सॉरी सॉरी बोलते बोलते बाहर निकल गए ! मेरे ऊपर तो जैसे घड़ों पानी गिर गया हो ! बहुत शर्म आ रही थी मुझे ! वरुण बोला कि चिंता ना करो मम्मी को बुरा नहीं लगा होगा ! मैं सोच रही थी मैं अब उनका सामना कैसे करुँगी ! इतने में मम्मी दुबारा आयीं और हँसते हुए बोली कि तुम चिंता ना करो गलती मेरी ही है ! अब मुझे दरवाजा खटखटा कर अंदर आना पड़ा करेगा ! मैं बोली कि मम्मी आप कभी भी कैसे भी अंदर आ सकते हो अब वो शिकायत नहीं मिलेगी ! मम्मी बोली कि नहीं यह कोई शिकायत वाली बात नहीं तुम्हारा हक़ है ! मैं खुश हो गयी थी ! मैंने उनसे कहा कि अब मैं एकदम ठीक हूँ और खाना कल से मैं ही बनाउंगी ! मम्मी बोली कि अब तो तुमसे सारा काम करवाना ही है अब तो यह हमारा हक़ है ! और हंस दीं ! 


रात का खाना खाने के बाद सब लोग हम एक साथ सोफे पर बैठ गए और अब सारी पोल खुलनी शुरू हुई ! मम्मी ने बताया कि वरुण तुम्हे शुरू से पसंद करता था ! पर उसकी बोलने की हिम्मत नहीं हो रही थी ! उसे लगता था कि उसकी किसी भी बात से मेरे आत्मसम्मान को ठेस ना पहुंचे ! मैंने मन में सोचा कि कितनी ऊँची सोच है इसकी ! मम्मी बोल रहे थे कि वो कितना भी जिंदादिल क्यों ना हो, वो अंदर से शर्मीला है ! मैं उसकी तरफ देख कि मुस्कुरा दी, वो भी मेरे मुस्कुराने पर मुस्कुराया ! पापा बोले हर वक्त तेरा नाम रटता रहता था ! हमें तुम दोनों के बीच हुई बातें सुना सुना कर पकाता रहता था ! हम तो तुम्हे कब से अपने घर बुलाना चाहते थे क्यूंकि हम भी देखना चाहते थे कि कौन है वो लड़की जिसकी ये इतनी तारीफ करता है ! मैंने कहा पापा मैं कहाँ इतनी तारीफ कि काबिल, आप लोग तो मेरे लिए देवता जैसे हो ! आप लोगों ने मेरी अपनी बेटी जैसे ही देखभाल की है ! वरना कौन किसी के लिए इतना करता है ! पापा बोले हम कुछ नहीं बेटा इतना बड़ा ओहदा ना दो हमें ! हम एक अच्छे इंसान ही बन जाएँ तो ठीक है ! आज सबसे ज्यादा बोलने वाले इंसान एकदम चुप बैठे थे ! मैंने वरुण को कुहनी मारी ! शायद मम्मी का ध्यान उस पर चला गया था ! मैं पूछ रही थी वो चुप क्यों है ! वो बोला कि तुम्हे शुरू से ही पसंद करने लगा था ! मैंने भी बोल दिया कि मैं कब से अपनी माँ के साथ तुम्हारे बारे में बात करती थी ! पर मेरी भी कहाँ हिम्मत होती थी ! तो मम्मी बोले कि बेटा तुम दोनों आज कि ज़माने कि होते हुए भी बहुत संस्कारी हो और तुम लोगों के इन संस्कारों ने ही तुम्हे थोड़ा रोक के रखा ! मम्मी बोली कि ये अभी उसी तरह तुम्हारे साथ रहेगा क्यूंकि तुम एकदम से ठीक नहीं हो और तुम्हे चिंता करने की कोई जरुरत नहीं यह अपनी सीमाओं में रहेगा ! मैंने कहा हाँ हाँ मम्मी मुझे पता है कि वरुण बहुत अच्छे हैं और अपनी सीमायें भली भांति जानते हैं ! वरुण ने अपनी तारीफ सुन कि मेरा हाथ पकड़ लिया जो किसी ने नहीं देखा ! मैं बस मुस्कुरा ही सकी ! 


फिर कितनी ही देर शादी के बारे में चर्चा होती रही ! शादी के लिए पंडित जी ने एक हफ्ते बाद का मुहूर्त निकला था ! शादी में दोनों परिवारों के अतिरिक्त वरुण की बहन और जीजा, वरुण के मामा, एक उसके चाचा बस यही लोग शामिल हो पाने थे क्यूंकि इस महामारी के वक्त कम से कम लोग ही एक जगह एकत्रित होने थे और वो भी सरकार के नियम अनुसार ! मैं सोच रही थी कि यह सच में हो रहा था या कि कोई सपना था ! मुझे अपनी वो बात याद आ रही थी जब मैंने सोचा था कि काश यहाँ से मुझे जाना ही ना पड़े ! तो वो बात तो शायद अब सच ही हो जानी थी ! एक हफ्ता तो ऐसे ही बीत जायेगा यह लोग कहाँ मुझे जाने देने वाले हैं ! Corona की वजह से कुछ चीजें उलट भी होने वाली हैं ! शादी मेरे घर होनी चाहिए पर यह लोग तो इसकी योजना यहाँ बना रहे हैं! पर अब किया भी क्या जा सकता है ! मम्मी को कुछ बात ध्यान आयी वो एक मिनट आयी बोल कर ऊपर अपने कमरे में गए और जब वो वापिस आये तो उनके हाथ में दो अंगूठियां थी ! एक लेडीज और एक जेंट्स ! मैं हैरानी से देखे जा रही थी ! उन्होंने हमारे दोनों के हाथ में अंगूठियां पकड़ाई और एक दूसरे के डालने को बोला और पापा को वीडियो बनाने को बोला ! पापा बोले के यह हमारे बेटे की अनोखी रिंग सेरेमनी होगी, corona की वजह से ! सब लोग हंस पड़े ! पापा वीडियो बना रहे थे और हम एक दुसरे को अंगूठी पहना रहे थे ! पापा और मम्मी ने तालियां बजायी ! और इस तरह से आधिकारिक रूप से हमारा रिश्ता हो गया ! मम्मी ने जैसे पहले ही सब योजना बनाया हुई थी ! वे रसोई में गयीं और हलवा लेके आयीं ! और हम दोनों का मुँह मीठा करवाया ! फिर मैंने भी पापा और मम्मी का मुँह मीठा करवाया ! अब मैं एक तरह से इस फॅमिली का हिस्सा बन गयी थी ! 


मैंने माँ को अपनी रिंग ceremony की वीडियो भेजी उन्होंने खूब आशीर्वाद दिया हम दोनों को ! एक डेढ़ महीने पहले जिसे अच्छे से जानती भी नहीं थी वो अब मेरा जीवन साथी बनने जा रहा था ! मैंने और मम्मी दोनों ने माँ से फ़ोन पर बात की वो लोग अगले ही दिन आने वाले थे सारी बातचीत करने ! यहाँ मम्मी के सम्बन्ध सबसे इतने अच्छे थे कि कपडे और गहने वाले अगले ही दिन विभिन्न प्रकार कि डिज़ाइन लेकर आने वाले थे ! वो जितना हो सके ज्यादा से ज्यादा करना चाहती थी ! मैंने कहा कि आप इतनी चिंता ना करो जितना अभी होता है उतना कर लेते हैं बाकि बाद में हो जायेगा ! मम्मी बोले जितना मेरे वश में है उतना तो मैं करुँगी ही ! फिर वो लोग अपने कमरे में चले गए ! मैं भी वरुण के साथ थोड़ा सा सहारा लेकर अपने कमरे में चली गयी ! अंदर जाते ही आज वरुण ने एक काम किया, उसने अंदर से दरवाजा बंद कर लिया ! मैं थोड़ी घबरा गयी, हालाँकि वरुण पर मुझे पूरा भरोसा था ! फिर भी क्या पता था उसके मन में क्या चल रहा था ! मैंने पूछा दरवाजा क्यों लगाया ! तो मुस्कुराते हुए बोला कि आज हमारा रिश्ता हो गया है ! मैंने कहा हाँ ! बोला तो फिर एक lip  kiss  तो बनती है ! मैं मुस्कुराने लगी और बोली कि एक हफ्ते का इंतज़ार करो सब मिलेगा ! वो बोला कि बाकि सब चीजों के लिए एक हफ्ते तक रुक सकता हूँ पर kiss तो आज करनी ही पड़ेगी ! इतना तो उसका हक़ था ! हम दोनों खड़े थे अभी, मैंने ऑंखें बंद कर ली, जो कि kiss के लिए मंजूरी थी ! उसने मेरे होंठों पे अपने होठ रख दिए और अच्छे से kiss किया ! और यह करते वक्त हम दोनों ने जफ्फी डाली हुई थी ! मैं भी उसकी बाँहों में बहुत अच्छा महसूस कर रही थी ! अभी kiss समाप्त ही हुई थी कि मेरा फ़ोन बज उठा ! यह वरुण की बहन थी ! वैसे मेरी उससे पहले भी 2 - 3 बार बात हुई पर आज फर्क इतना था कि उसने मुझे भाभी कह कि बुलाया ! मैंने भी उसे आरती नहीं दीदी बोला ! हम लोगों का आज से गहरा रिश्ता बन गया था ! वो अब मेरी ननद थी ! वो बोली कि उसे भी पहले ही पता था कि वरुण मुझे पसंद करता है ! मैंने सोचा सबको पता था एक मुझे ही पता नहीं था बस ! हम दोनों की थोड़ी देर बात हुई फिर उसने यह कहते हुए फ़ोन रख दिया कि अब शादी में मुलाकात होगी ! मेरे पैर ज़मीन पर नहीं लग रहे थे ! उसने मुझे आराम से लेटने में मदद की ! और मेरे पास बैठ गया ! मैंने कहा कि अगर यहाँ लेटना चाहो तो लेट जाओ पर थोड़ी दूरी बना के रखना होगा अभी ! वो बोला कि नहीं अभी नहीं जब साथ लेटना होगा तो अच्छी तरह से लेटूँगा ! मैंने मुस्कुराते हुए कहा कि जैसी तुम्हारी मर्जी ! उसने फिर मेरे गाल पर kiss किया और मेरे सामने कुर्सी पर बैठ गया ! उसने मेरा हाथ पकड़ा हुआ था ! बोला कि एक हफ्ते बाद हम पति पत्नी होंगे ! मैंने कहा हाँ मैं तो कब से यही सोच रही हूँ ! देखो मैं इस घर में किन हालात में आयी थी और अब यहीं की होकर रह गयी ! वरुण बोला कि यह सब भगवान तय करते हैं हम तो बस उनके खिलाये हुए खेल खेलते हैं ! 


                                                                         ==={{PAGE - 3}}===

chandermittal thumbnail
Group Promotion 1 Thumbnail
Posted: 3 years ago

LOVE IN CORONA (भाग 7 )

                                                                   ::4::

अगले दिन मेरे मम्मी पापा आये ! वो शगुन का काफी सामान लेकर आये थे ! यहाँ मम्मी गुस्सा होने लगे कि जहाँ सब कुछ बंद है आप लोगों ने इतना क्यों किया ! माँ बोली कि हम तो कुछ भी नहीं कर पाए ! यह तो हमारा फ़र्ज़ था ! मम्मी बोली कि आपने हीरे जैसी बेटी हमें सौंप दी हमें और क्या चाहिए ! उन्होंने कहा कि शादी बहुत जल्दी है इसलिए वो कुछ ज्यादा तयारी नहीं कर पाएंगे और कुछ रस्मो रिवाज़ बाद में कर देंगे ! तो पापा बोले कि कुछ करने की जरुरत नहीं है ! बल्कि हम तो चाहेंगे कि चार पांच दिन की बात है आप लोग यहीं रहिये मिल जुलकर तयारी कर लेंगे ! मैंने भी माँ को जोर डालकर बोला कि रुक जाये ! तो सबके कहने पर वो तीनो रुक गए ! शादी से दो दिन पहले वरुण की बहिन भी आ गयी और बाकि लोग शादी वाले दिन ही आ पाए ! कुल मिलकर 10 12 लोग ही थे शादी में !


मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरी शादी इतनी सादी होगी ! पर अच्छा ही तो था कितनी फ़िज़ूल खर्ची होती है शादियों में ! मम्मी ने मेरे लिए 4  5 जोड़ी कपडे तैयार करवा दिए थे ! शादी का जोड़ा माँ घर से लेकर आयी थी ! वरुण कि कपडे भी दोनों तरफ से हो गए थे ! मेरे लिए कितने ही गहने मम्मी ने खरीद लिए थे ! शादी को यादगार बनाने के लिए उन्होंने एक फोटोग्राफर भी कर रखा था !  पंडित जी आये उन्होंने फेरों की सारी तैयारियां की और हमारे फेरे शुरू हुए ! मेरा सपना इतना जल्दी सच होगा मैंने सोचा ना था ! वरुण की बहिन मेरे बिलकुल पास बैठी थी वो मेरे साथ इस तरह घुल मिल गयी थी ऐसा लग रहा था कि वो मुझे वर्षों से जानती है ! फेरे हुए सबके लिए अच्छे से खाना पीना घर में ही तैयार हुआ था ! सबने खाना पीना खाया और फिर नाच गाना भी हुआ ! सबने थोड़ी दूरी बना कर रखी क्यूंकि सरकार की तरफ से शादियों के लिए कुछ निर्देश थे जिनका पूरी तरह से पालन किया गया ! 


आज हमारी सुहागरात थी ! मैं अपने कमरे से वरुण के कमरे में पहुँच गयी ! अपने बगीचे से फूल तोड़ के सेज सजाई गई ! चाहे साधन काम थे या कितनी ही बंदिशें थी ! पर मेरे ससुराल वालों ने अपनी तरफ से सब कुछ करने की कोशिश की ! मैं बिस्तर पर एक तरफ बैठी थी जब वरुण अंदर आया ! उसने मुझे शगुन के तौर पर एक गिफ्ट दिया ! मैंने मुस्कुरा कर वो अपने पास रख लिया और उसे शुक्रिया बोला ! हमारी भविष्य के बारे में बहुत सारी बातें हुईं ! उसने मुझे आग्रह किया कि सब कुछ सामान्य होने के बाद मैं उसके साथ ही काम करने लग जाऊं तो कैसा रहेगा ! मुझे इस बात में कुछ भी परेशानी नज़र नहीं आयी ! मैंने कहा यह ठीक ही रहेगा ! वरुण बोला वैसे भी हम दोनों हमेशा साथ साथ रहेंगे ! मैं फिर मुस्कुरा दी फिर वो मेरी तरफ बढ़ा और जफ्फी डालने वाला था, जैसे ही मुझे जफ्फी डालने लगा मैंने मुस्कुराते हुए उसे कहा कि आपको पता नहीं दूरी बना कर रखनी है इसलिए यह सब LOCKDOWN कि बाद ! वरुण भी मुस्कुराते हुए बोला कि वो RULE पति पत्नी के लिए नहीं औरों के लिए है इतना कहते ही उसने जफ्फी डाली और मैंने अपनी ऑंखें बंद करके अपने आप को पूरी तरह उसे समर्पित कर दिया ! इस तरह हमारा वैवाहिक जीवन शुरू हुआ !


सुबह मेरी मम्मी, वरुण की मम्मी और दीदी सबके लिए नाश्ता तैयार कर रहे थे तो मैं भी पहुँच गयी उनकी मदद करने तो मेरी सास बोलीं कि अभी रहने दो बहु रानी तुम्हारे काम करने के लिए अभी बहुत समय है ! हम तीन लोग हैं और खाने वाले सिर्फ दस तो कोई ज्यादा काम नहीं है अभी तो तुम आराम करो बस! मैंने कहा इतने दिनों से आराम ही तो कर रही हूँ ! वे बोलीं कि कुछ दिन और फिर तो काम पे लगना ही है ! मैं उनकी बात मान कर जाकर सोफे पर बैठ गयी ! शाम तक सब लोग वापिस चले गए ! हम चार ही रह गए बाकी !  मम्मी बोले कि तुम्हारा हमारे परिवार में स्वागत है मैंने हाथ जोड़कर उनका अभिनन्दन किया ! आज रात जब हम दोनों अपने कमरे में बातें कर रहे थे तो मैंने वरुण को बोला कि देखो जिस CORONA ने पूरी दुनिया को परेशान किया है उसी ने हमें मिलवाया और वही हमें इतना करीब लेके आया ! वो बोला कि हाँ यह CORONA ही था जिसकी वजह से हम लोग मिले ! पर उन दोनों ने भगवान से प्रार्थना की कि हे भगवान इस CORONA नाम की नामुराद बीमारी को पूरी दुनिआ से जड़ से मिटा दे ! इस तरह मेरी यह कहानी यहीं ख़त्म होती है ! यहाँ मैं सबको यह राय देना चाहूंगी कि जैसे मैंने कैसे अपनी बेवकूफी से अपनी ज़िन्दगी को मुसीबत में धकेल दिया था आप लोग यह भूल ना करना ! उतना ही पैर पसारना चाहिए जितनी चादर हो ! मुझे तो वरुण जैसा जीवन साथी मिल गया जिसने मेरी मुसीबत को टाल दिया ! पर हर कोई तो ऐसे नहीं बच सकता ! इसलिए जितना हो सके इस किश्त संस्कृति से बचिए !

                                                                                     ::समाप्त::