विद्या
रविवार का दिन था ! मेरे पिता जी बाहर धुप में बैठ कर मुझे पढ़ा रहे थे ! मेरी आयु उस वक्त वर्ष रही होगी! मैं गणित के सवाल हल करने में व्यस्त था के इतने में मेरी नज़र सामने से आ रही एक बच्ची पर पड़ी ! मैंने ध्यान से उसकी और देखा ! पुराने और गंदे कपडे, जैसे एक दो दिन से नहायी ना हो, नंगे पांव! हमें धुप में भी ठण्ड लग रही थी और वह नंगे पाँव चल रही थी! मैं तो देखते ही ठिठुरने लगा! पापा ने अब महसूस किया कि मेरा ध्यान कहीं और है और जैसे ही उन्होंने पीछे मुड़कर देखा वह सारा माजरा समझ गए! (यह शायद हमारे माता पिता का तजुर्बा ही होता है जो कि वो बिना बताये ही सब कुछ समझ जाते हैं) उन्होंने मुझे समझाया बेटा अभी तुमने दुनिआ देखी कहाँ है अभी तो बहुत कुछ देखना बाकी है! वे जानना चाहते थे कि इस प्रस्थिति में मैं क्या निर्णय लेता हूँ तो उन्होंने मुझे पूछा कि मैं इस बच्ची कि लिए कुछ करना चाहता हूँ ? मैं हाँ में सर हिलाया! वो बोले क्या? मैंने कहा मैं उसे सबसे पहले तो एक जोड़ा जूते देना चाहूंगा! पिता जी ने कहा ठीक है, और क्या? मैंने कहा फिर मैं उसे कुछ पैसे देना चाहूंगा कि वो अपने लिए कुछ कपडे खरीद ले! इतने में वो लड़की हमारे काफी पास आ गयी तो पिता जी ने आवाज़ लगा कर उसे पास बुलाया और पूछा कि वह नंगे पाँव क्यों है! तो उसने जवाब दिया कि उसके पिता जी नहीं हैं, उसकी माँ घरों में काम करके हमारा पालन पोषण करती है! वह जितना करती है उससे खाना पीना तो चल जाता है पर और खर्चों कि लिए माँ के पास पैसा नहीं है! पापा ने पूछा कि क्या वह स्कूल जाती है तो उसने ना में सर हिला दिया! मुझे यह जवाब सुनकर बड़ी हैरानी हुई ! कोई बच्चा स्कूल जाये बिना भी रहता है क्या? उस समय मुझे यह एहसास नहीं था कि गरीबी क्या होती है ! हालाँकि हम कोई अमीर नहीं थे परन्तु पापा की प्राइवेट जॉब में हमारा गुजर बसर अच्छा हो जाता था ! क्यूंकि उस वक्त ढेर सारे फालतू खर्च जो नहीं होते थे! ना कपड़ो पर, साल में एक बार घूमना वह भी नानी या बुआ के घर जाना, ना घर में पेट्रोल का कोई खर्च था और ना ही हर रोज़ बहार से खाने के लिए कुछ आता था! कुल मिलकर बहुत ही सीमित साधनो में भी अच्छा गुजारा हो जाता था! पापा ने उसकी बात सुनकर मुझे कहा के देखो इसे पैसे से ज्यादा शिक्षा की जरुरत है ! पैसा देना समस्या का हल नहीं है ! इंसान को इस काबिल बनने में मदद करो के वह खुद पैसा कमाने लग जाये और यह केवल शिक्षा से ही संभव है ! उनकी बातें कुछ कुछ अब मेरी समझ में आ रही थी! उन्होंने पहले तो मेरे भाई के जूते लाने को कहा जो कि उस लड़की कि साइज के थे, उस लड़की को पहनाये और उसे पूछा के क्या वो पढ़ना चाहती है ? उसने हाँ में सर हिलाया! वो अच्छे से बोल भी नहीं पा रही थी ! पापा ने उससे कहा कि वो अपनी मम्मी को बुला कर लाये! वो कुछ देर में अपनी मम्मी को लेकर आ गयी ! पापा ने उसकी मम्मी से पूछा कि यदि वो उसकी लड़की को पढ़ाना चाहे तो उसे कोई आपत्ति तो नहीं ! तो उसकी माँ बोली कि वो इतना पैसा कहाँ से लाएगी तो पापा बोले कि यदि उसकी शिक्षा हमारी मदद से हो तो? तो उसकी माँ बोली कि वो इसका एहसान कभी नहीं भूल पायेगी! पापा बोले कि एहसान कुछ नहीं बस तुम इतना करना कल से इस लड़की को हमारे हवाले कर दो और इसकी शिक्षा और रहन सेहन की जिम्मेदारी हमारी! यह सिर्फ शाम को तुम्हारे घर जाया करेगी ! उसकी माँ यह सुनकर काफी खुश हुई ! अगले दिन ही पापा ने उसका दाखला एक स्कूल में करवा दिया और मुझे उसे पढ़ने की जिम्मेदारी दी गयी! वैसे भी मुझे शुरू से ही पढ़ाने का काफी चाव था! मैं अपने छोटे भाई बहन को खुद ही पढ़ाता था! वो लड़की हमारे घर में हमारी बहन की तरह ही रहने लगी! बस शाम को ही अपने घर जाती! पापा ने उसे नए कपडे और जूते लेकर दे दिए थे! मेरी बहन उसकी अच्छी सहेली बन गयी थी और हर रक्षा बंधन पर वो हम भाइयों को राखी बांधती! वो पढाई में काफी अच्छी थी सो मुझे भी उसके लिए ज्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ी! धीरे धीरे पता नहीं कैसे समय बीत गया! उसने 22 वर्ष की आयु में B.COM पास कर ली! मैं तब CA की पढाई कर रहा था! मैंने उसे एक ऑफिस में अकाउंटेंट की जॉब पे लगवा दिया! और वह अच्छा कमाने लगी! वो हम सब की इतनी इज़्ज़त करती थी कि हम लोगो को देवता समझती थी! पापा को तो वह भगवान समान समझती थी! उसकी माँ को भी अब घरों में काम नहीं करना पड़ता था! हमने ही एक अच्छा वर देखकर उसकी शादी करवाई! हमारे पापा ने ही उसका कन्यादान किया! उसने अपने पति से यह एक शर्त रखी थी कि वह अपनी माँ को साथ रखना चाहती है! उसके पति को यह मंजूर हो गया था! हालाँकि उसकी माता साथ रहना नहीं मानी तो उसने अपने घर कि पास ही कमरा लेकर अपनी माँ की व्यवस्था की! वह अब हर लिहाज से सफल थी! अब जब मेरे पापा नहीं हैं मुझे उनकी वह बात याद आती है कि पैसे से किसी की मदद नहीं की जा सकती पैसा केवल उसी अवसर काम चलने कि लिए है जबकि शिक्षा पूरी उम्र का गहना है! यदि मैंने उसकी पैसे से मदद करके उसे भुला दिया होता तो उसके हालात वैसे कि वैसे ही रहते परन्तु उसकी शिक्षा की वजह से अब उसके हालात एकदम बदल गए थे!
शिक्षा : यदि किसी की सच्ची मदद करना चाहते हैं तो धन से नहीं उसे शिक्षा देकर करें!
(अ)विश्वास
किसी का विश्वास जितना कितना मुश्किल होता है यह हम सब जानते हैं ! परन्तु यह ऐसे धागे से बंधा होता है कि हमारी एक गलती से यह धागा ऐसे टूटता है और फिर दूरियां ऐसे बढ़ती हैं जैसे कि कभी कोई रिश्ता ही नहीं था! यह कहानी रीना नाम की एक लड़की हैकि है जो एक सफल ग्रहणी बनने के बाद एक बिगड़ी हुई लड़की बन गयी! क्या वह फिर से वही सफल ग्रहणी रीना बन पायेगी, आज की कहानी उसी रीना के जीवन पर आधारित है.....
(अ)विश्वास
रीना जब से विशाल के यहाँ ब्याह कर आयी थी, उसका घर जैसे घर लगने लगा था ! रीना को सफाई बहुत पसंद थी! उसे जब भी टाइम मिलता वह कहीं न कहीं सफाई करने लग जाती ! विशाल तो कहीं भी कुछ भी छोड़ देता, रीना उसे व्यवस्थित कर देती ! घर के हर काम में उसे मज़ा आता था पर रसोई में जाना उसे बिलकुल पसंद नहीं था ! तो यह समस्या इस तरह हल हो गयी कि यह विशाल का पसंदीदा काम था ! रीना और विशाल पंजाब के लुधियाना में रहते थे ! विशाल रीना को बहुत पसंद करता था और उसकी हर बात मानना उसे अच्छा लगता था सिर्फ एक बात को छोड़कर वह थी जल्दी घर आना ! विशाल का ट्रांसपोर्टेशन का अपना बिज़नेस था ! वह काम का कीड़ा था ! वैसे भी ट्रांसपोर्ट वालों की जॉब सबसे लास्ट में खत्म होती है ! जब तक सभी ट्रक नहीं भेज देता था तो वापिस आने का सवाल ही कहाँ था ! यह इसलिए भी था क्यूंकि वह अकेला ही मालिक था और सारी ज़िम्मेदारी उसी पर जो थी ! रीना को उसकी हर बात पसंद थी बस इसी को छोड़ कर ! ऐसा नहीं कि उसे उसका काम करना पसंद नहीं था परन्तु उसे कई बार 12 - 1 बजे तक वेट करनी पड़ती थी ! तो अकेली एकदम बोर हो जाती थी ! अरे मेरी रीना की बताई हुई डिटेल से कहीं आप यह तो नहीं समझ गए कि रीना एक ग्रहणी थी मतलब वो घर में ही रहती थी ! नहीं नहीं, वो भी एक कामकाजी महिला थी जो कि किसी इन्शुरन्स कम्पनी में असिस्टेंट मैनेजर कि पद पर काम करती थी ! बहुत ही मेहनत से वो इस पद पर पहुंची थी ! उसका अपने काम कि प्रति समर्पण ही था कि शादी से पहले उसके जीवन में कोई आया ही नहीं ! क्यूंकि उसके पास इन सब चीजों के लिए समय ही नहीं था ! यह बात अक्सर वह अपनी फ्रेंड्स को बताती थी ! हाँ तो मैं कह रहा था के वैसे तो इन दोनों में बहुत प्यार था लेकिन विशाल के काम में इतना व्यस्त रहने की वजह से बहुत बार इन दोनों में अनबन हो जाती ! क्यूंकि घर आने के बाद भी थका होने के कारण विशाल उससे काम बात करता और जब उसे उसकी जरुरत होती तो वह समझ ना पता और लेटते ही सो जाता ! रीना उसे जल्दी घर आने को कहती परन्तु विशाल हर बार उसे काम की मजबूरी बता कर चुप करा देता ! रीना ने भी अब कहना ही छोड़ दिया था ! हाँ इतना जरूर था कि वो लोग महीने में 2 दिन यानि कि 15 दिन में एक बार खाना खाने बाहर जरूर जाते ! उस दिन विशाल इस तरह से गाड़ियां लगवाता कि वो शाम 5 बजे तक घर पहुंच जाये ! यह दो दिन दूसरा और चौथा शनिवार थे और इन दो दिनों में रीना को छुट्टी होती थी ! और घर आने कि बाद उस दिन विशाल का एक नया ही अवतार देखने को मिलता और वह घर कि अंदर घुसते ही रीना पर टूट पड़ता ! उसे कुछ कहने का मौका तक नहीं देता और वह पूरी रात प्यार करने में गुजरती ! सो इस तरह कुल मिलकर उनकी गृहस्थी अच्छी ही चल रही थी ! और इस तरह पता नहीं कैसे उनके विवाहित जीवन के 10 वर्ष बीत गए और आज उनकी शादी की दसवीं साल गिरह थी ! आज तो पता नहीं विशाल ने अपने असिस्टेंट पर कैसे भरोसा कर लिया वो काम पे गया ही नहीं क्यूंकि उसे पता था कि एक बार वो काम पर चला गया तो जल्दी वापिस नहीं आ पायेगा ! और दूसरी बात उसे सालगिरह की पार्टी की तैयारी भी तो करनी थी ! चलो आज दोनों बहुत ही खुश थे ! विशाल ने उठते ही रीना की KISS करके सालगिरह की बधाई दी ! और कहा कि वह आज भी उतनी ही सुन्दर थी जितनी दस साल पहले थी ! वैसे उसकी बात सच भी थी ! रीना एक मध्यम कद की महिला थी, गोरा रंग, पतली कमर, लम्बे बाल उसके व्यक्तित्व को निखारते थे और वह 33 वर्ष की होते हुए भी 25 साल से ज्यादा की नहीं लगती थी ! तभी तो विशाल उस पर मोहित रहता था ! उनके पास सब कुछ था परन्तु एक बात की कमी थी वह यह कि उनके कोई संतान नहीं थी ! उन दोनों ने बहुत टेस्ट करवाए परन्तु कोई नतीजा नहीं निकला ! थोड़ी कमी रीना में थी परन्तु विशाल ने कभी उसे इस बात का एहसास नहीं होने दिया ! विशाल के माँ बाप जो कि दुसरे शहर में रहते थे उन्होंने भी कभी रीना को इस बात का एहसास नहीं होने दिया कि उसमे कोई कमी है ! शाम को पार्टी हुई ! दोनों कि कुल मिलकर 30 के करीब मेहमान आये ! हर कोई उन्हें बधाई दे रहा था और साथ ही सब लोग उनकी प्रशंसा कर रहे थे कि वो दोनों संसार कि सबसे सुखी जोड़े हैं हैं ! रीना को यह सुनकर बड़ा गर्व महसूस हुआ और उसने सोचा कि यह उनके प्यार और विश्वास पर टिका हुआ रिश्ता है ! इस विश्वास वाली बात पर उसे एक पुरानी बात याद आ गयी एक बार उसको उसके पति के एक मित्र ने किसी क्लाइंट के साथ एक रेस्टोरेंट में देख लिया था और बिना उसे मिले बहार जाकर उसके पति को फ़ोन करके बोला कि उसकी पत्नी किसी और कि साथ घूम रही है तो विशाल ने उसे जवाब दिया था कि वो उसका कोई क्लाइंट होगा क्यूंकि वो अक्सर बताती है कि उसे क्लाइंट्स के साथ डील करने बाहर जाना होता है और विशाल ने उसे समझाया था कि विवाहित जीवन में पति पत्नी में अटूट विश्वास होना चाहिए क्यूंकि उसी विश्वास कि सहारे ही पति पति का बंधन मजबूत होता है ! तो शाम को उसके पति ने उसे यह बात बताई थी और रीना ने उसे बताया था कि वो किसी बड़ी कम्पनी का मालिक था और उसे अपने पूरे स्टाफ की इन्शुरन्स करवानी थी तो वही डील फाइनल करने के लिए उसे उसके साथ रेस्टोरेंट जाना पड़ा ! तो विशाल ने कहा कि वो कहाँ उससे उसके वहां जाने का हिसाब मांग रहा है वो तो सिर्फ अपने दोस्त की बात बता रहा था और उसको अपने अटूट रिश्ते का रहस्य बता रहा था ! अब रीना यही सोच रही थी कि जो सब लोग उनकी जोड़ी की प्रशंसा कर रहे हैं वो सिर्फ उसी विश्वास की वजह से है ! पार्टी लगभग 12 बजे तक चली ! जब सब लोग चले गए तो रीना बिखरा हुआ सामान उठाने ही लगी थी के विशाल ने उसे पीछे से पकड़ लिया और बोला के यह काम तो सवेरे भी हो सकता है आज तो कुछ और करने का दिन है ! रीना केवल मुस्कुरा रही थी ! विशाल ने उसे विश्वास दिलाया के सुबह जल्दी उठ कर वह सारा काम करवा देगा ! तो रीना उसकी बात मान गयी ! वैसे भी उसे भी तो उसकी बहुत जरुरत थी आज ! वह रीना को उठा के बिस्तर पर लेके गया और सबसे पहले एक KISS की फिर वो लोग प्यार के अथाह सागर में डूब गए और कब सोये और कब उठे उन्हें ध्यान ही नहीं रहा ! जनाब जल्दी उठने की बात करके 10 बजे तक सो रहे थे ! वैसे भी आज रविवार था तो काम पर जाने की जल्दी तो थी नहीं ! रीना खुद ही सब समेटने लगी ! इतने में विशाल की आंख खुली तो उसने देखा कि रीना अकेली काम में लगी है तो वह गुस्से होने लगा और कहा कि उसने उसे जगाया क्यों नहीं तो रीना ने कहा कोई बात नहीं मुझे इन सब कामो में ख़ुशी मिलती है ! उसने उसे कहा कि वह नहा धो कि आ जाये क्यूंकि काम लगभग खत्म हो गया था ! विशाल नहा के आया तो वो नाश्ता बनाने में लग गया ! रीना को यह देख के काफी ख़ुशी हुई ! वह मन ही मन भगवन को धन्यवाद दे रही थी कि उनकी उसके परिवार पर असीम कृपा है और प्रार्थना की कि उसके परिवार को इसी तरह से खुश रखें ! उन्होंने नाश्ता किया और वो सारा दिन उन्होंने घर में रहने का सोचा ! काम खत्म करके विशाल TV देखने लग गया और रीना ने अपना लैपटॉप उठा लिया और अपनी official mails चेक करने लग गयी ! जैसे ही सबसे ऊपर वाली mail पर उसकी निगाह गयी तो उसकी ऑंखें एकदम चमक गयी उसने लगभग चिल्ला के विशाल से कहा के देखो विशाल क्या है ! विशाल बोला के ऐसा क्या आ गया जो वो इतनी खुश हो गयी है तो उसने कहा के खुद ही देख लो ! विशाल ने mail पढ़ी तो वो भी बहुत खुश हो गया क्यूंकि यह मेल रीना की तरक्की के बारे में थी उसको प्रोमोट करके ब्रांच मैनेजर बना दिया गया था ! पर एक बात के लिए वो दोनों ही दुखी हो गए कि इसके लिए रीना को दिल्ली ट्रेनिंग कि लिए जाना होगा ! ट्रेनिंग 3 महीने की थी ! दोनों ने सोच विचार किया तो विशाल ने अंत में कहा कि यह रीना के करियर का प्रश्न है तो उसे जाना ही चाहिए और उसने रीना को कहा कि उसे चिंता करने की जरुरत नहीं है क्यूंकि उसका एक सहपाठी वहां पर रहता था, और वह उसके रहने सहने का पूरा इंतज़ाम कर देगा ! रीना अब थोड़ा निश्चिन्त लग रही थी ! विशाल ने अपने दोस्त दीपक को फ़ोन लगाया जो कि वहां पर एक फैक्ट्री में मैनेजर कि तौर पर काम कर रहा था ! वह विवाहित था और उसकी पत्नी एक ग्रहणी थी ! वैसे घर से भी वह काम करती थी ! उसका टिफिन सप्लाई का बिज़नेस था और घर रहकर भी बहुत अच्छा खासा कमा लेती थी ! दीपक ने विशाल की बात सुनी और कहा कि रीना का सारा इंतज़ाम उस पर छोड़ दे ! विशाल भी अब निश्चिन्त था ! रीना ने अगले सोमवार ट्रैनिंग पर पहुंचना था तो उनके पास एक हफ्ता था सारा इंतज़ाम करने का क्यूंकि रीना को तीन महीने रहना था, तो कपडे, खाना बनाने का सामान, नहाने धोने का सामान और घर गृहस्थी की छोटी बड़ी सब चीजें जो उनको लगा कि उस दौरान जरुरत पड़ सकती है, की तैयारी में जुट गए ! और अंत में वह दिन भी आ गया जब उनको दिल्ली कि लिए निकलना था ! वो दोनों खुश भी थे और साथ ही साथ दुखी भी ! खुश उसकी तरक्की से और दुखी तीन महीने कि बिछोड़े कि कारण ! वैसे विशाल ने कहा कि वो कोशिश करेगा 15 दिन में एक बार आने के लिए ! परन्तु रीना ने यह कहकर मन कर दिया कि वो अपने काम की व्यस्तता की वजह से अपनी बात को निभा नहीं पायेगा और उसे उम्मीद रहेगी उसके आने की तो उसके न आने पर उसे दुःख होगा तो यदि मौका लगे तभी वो आये नहीं तो अपना काम संभाले उसे कोई गिला शिकवा नहीं है और वह उसकी मजबूरी समझती है ! यह सुनकर विशाल बहुत खुश हुआ कि उसकी पत्नी कितनी मज़ेदार है ! उसने कार में ही उसे हलके से kiss किया और वह लोग दिल्ली कि लिए निकल पड़े ! विशाल रस्ते में उसे चिढ़ाता रहा कि उसे खाना अब खुद ही बनाना पड़ेगा और रीना उसे चिढ़ाने लगी कि उसे अब सारा सामान व्यवस्थित करना पड़ेगा नहीं तो घर भूत बांग्ला बन जायेगा ! वो लोग इसी तरह बातें करते करते, रास्ते में खाते पीते दिल्ली पहुँच गए ! विशाल ने दीपक को फोन किया, दीपक ने उसे अपने घर आने की ज़िद की तो विशाल ने कहा कि वो लम्बे सफर से आये हैं और उन्हें सामान भी व्यवस्थित करना है तो वे लोग अपने किराये वाले घर पे जाना पसंद करेंगे ! तो दीपक ने कहा कि वो अपनी पत्नी कि साथ पहुंच रहा है ! दीपक ने उसे gps लोकेशन भेजी जिसकी सहायता से वो लोग निर्धारित स्थान पर आसानी से पहुंच गए ! उनके पहुंचने कि साथ ही दीपक और उसकी पत्नी भी पहुंच गए ! सब लोग अंदर गए ! यह कि छोटा पर सुन्दर फ्लैट था , जिसमे रीना की जरुरत की हर वस्तु मौजूद थी ! वहां एक छोटा सोफे भी था जिस पर सब लोग बैठ गए ! चाय दीपक की पत्नी सपना घर से बना कि लेकर आयी थी ! वो किचन में गयी जहाँ उसने कपों में चाय डाली और सबको सर्व किया ! फिर दीपक ने रीना और विशाल को अच्छे से घर के कोना कोना दिखाया ! मकान बहुत अच्छा था और सबसे अच्छी बात यह थी कि यह दीपक कि मकान से केवल 10 मिनट की राइड पर था ! एक और अच्छी बात हो गयी कि रीना कि खाने कि खाने के इंतज़ाम सपना ने कर दिया क्यूंकि वह टिफिन सप्लाई के काम करती थी ! तो अभी तक तो उन्हें सब कुछ अच्छा ही लग रहा था ! कौन जानता था कि जल्द ही कोई तूफ़ान आने वाला है ! उनके रिश्ते को कोई ग्रहण लगने वाला है और उनका विश्वास के धागा टूटने वाला है ! न जाने किसकी नज़र लगी उनके रिश्ते को कि किसकी नज़र लग गयी थी !...........बाकि की कहानी जल्द ही....क्रमशः !
(अ)विश्वास (अगला भाग)
विशाल और रीना ने मिलकर सारा सामान ढंग से लगाया ! दीपक और सपना दोपहर और रात दोनों टाइम का खाना लेकर आये ! तो विशाल ने कहा कि वो लोग काफी तकलीफ कर रहे हैं तो दीपक ने कहा कि दोस्ती में तकलीफ कैसी ! तो सब लोग मुस्कुराये बिना न रह सके ! रात का खाना दीपक और सपना ने उनके साथ ही खाया और फिर दीपक और विशाल की स्कूल कॉलेज की बातें चलने लगी इधर रीना और सपना अपनी घर गृहस्थी की बातों में लग गए ! बातों बातों में सपना ने उसे पूछा कि उनके बच्चा क्यों नहीं है तो एक बार तो सभी चुप से हो गए और उन लोगों को जवाब नहीं सुझा पर फिर विशाल बोला कि उन्होंने काफी कोशिश की पर नहीं हो सका और कहा कि अब तो उनकी योजना गोद लेने की है ! जिसे सुनकर दीपक ने उनके इस कदम की खूब सराहना की ! दीपक रीना को काफी देर से नोटिस कर रहा था और कहे बिना न रह सका कि वो विशाल और रीना की शादी में गया था और रीना में इन दस सालों में कोई फर्क नहीं पड़ा, वैसे थी तो यह तारीफ पर रीना थोड़ी झेंप गयी पर उसने उसे तारीफ कि लिए शुक्रिया कहा ! और विशाल गर्व से बोला कि क्यों न हो हमने रखा जो इतने प्यार से है ! और बोला कि भाभी भी कहाँ काम हैं ! तो सपना ने भी विशाल को धन्यवाद किया ! हँसते हंसाते पता ही नहीं चला कब रात कि 11 बज गए ! तो दीपक और सपना ने उनसे विदा मांगी और विशाल ने तो दोनों से विदा मांगी क्यूंकि उसे सुबह जल्दी निकलना था और उन दोनों से कहा कि वो लोग रीना का अच्छे से ध्यान रखें ! तो दीपक ने कहा कि यह भी कोई कहने की बात है ! बल्कि वो लोग तो चाहते थे कि रीना उनके साथ ही रहे परन्तु रीना नहीं मानी थी तब जाके दीपक ने यह फ्लैट ढूंढा था ! चलो उन्होंने विशाल को चिंता ना करने को कहते हुए उनसे फिर से विदा मांगी ! उनके जाते ही विशाल ने रीना को पकड़ लिया और kiss करने लगा तो रीना ने बर्तन साफ़ करने तक का समय बड़ी मुश्किल से माँगा ! आज की रात को विशाल यादगार बनाना चाहता था क्यूंकि उसके बाद तीन महीने की जुदाई थी ! उस रात वो लोग अच्छे से सो भी नहीं पाए और विशाल को जल्दी उठना था ! रीना ने उसे रोकने की कोशिश की क्यूंकि रात भर नींद ना पूरी होने की वजह से गाड़ी चलने में दिक्कत हो सकती थी ! परन्तु विशाल कहाँ रुकने वाला था उसे तो अपना काम सबसे पहले और सबसे जरुरी था ! विशाल ने रीना से विदा ली और दोनों थोड़ा भावुक हो गए परन्तु रीना विशाल को ख़ुशी ख़ुशी विदा करना चाहती थी ! सो उसने मुस्कुरा कि और एक kiss देके विशाल को विदा किया ! फिर वो तैयार होने में लग गयी ! आज उसकी ट्रेनिंग का पहला दिन जो था उसने सोचा था कि पास कि मंदिर में भगवान से प्रार्थना करके जाएगी ! वो तैयार होने लगी तो ठीक 8 बजे दरवाजे की घंटी बजी उसने दरवाजा खोला तो खाने का टिफिन था ! उसने दीपक को अंदर आने को कहा और उसके लिए पानी लायी और कहा कि वो सोच रही थी कि ज्यादा टाइम नहीं लगेगा वो खुद ही बना लिया करेगी ! तो दीपक ने कहा कि वहां तो इकठ्ठा ही खाना बनता है क्यों वो सिर्फ अपने लिए बनाएगी इसलिए वो टिफिन पंहुचा दिया करेगा , वैसे रीना ने यह बात इसलिए कही थी कि वो दीपक को अकेला देख कि झेंप गयी थी ! उसने तो टिफिन कि लिए इसलिए हाँ की थी कि उसे लगता था कि उनका डिलीवरी वाला टिफिन पहुचायेगा लेकिन खाना दीपक खुद ही लेकर आ गया था ! टिफिन में इतना खाना था कि दोपहर का खाना भी चल सकता था ! वो सपना ने सोच कि ही डाला था कि वो दोपहर को तो आ नहीं सकेगी ! रीना ने उसको बहुत बहुत धन्यवाद किया ! उसके लिए चाय बनाई और दोनों ने मिलकर पी! तो दीपक ने पूछा कि उसकी ट्रेनिंग किस एरिया में है, रीना ने उसे एरिया बताया तो दीपक ने कहा कि उसका ऑफिस भी उसी एरिया में है तो वह उसे वहां छोड़ सकता है ! पर रीना ने मना कर दिया ! दीपक थोड़ा जोर देने लगा कि वही तो उसे जाना है परन्तु रीना ने कहा कि उसे इस तरह अच्छा नहीं लगेगा तो दीपक समझ गया कि वो झिझक रही थी तो उसने जोर डालना ठीक नहीं समझा और उससे विदा ली और चला गया ! रीना ने बाद में सोचा कि ये लोग अपनी तरफ से कुछ ज्यादा कर रहे हैं पर उसे अपनी मर्यादा में रहना पड़ेगा ! और वह फिर ऑफिस कि लिए निकल पड़ी थोड़ी ही दूर पर मंदिर था जहाँ उसने पूजा की और कैब बुलाकर ऑफिस कि लिए निकल पड़ी ! वहां पर सब लोग बड़े सहयोग करने वाले थे ! उसकी ट्रेनिंग में उनके सॉफ्टवेर का कुछ काम और फिर लोगों कि क्लेम सेटलमेंट से सम्बंधित जानकारी थी ! वैसे कुछ चीजों की जानकारी तो थी उसे क्यूंकि असिस्टेंट कि तौर पर उसे कई काम मैनेजर वाले भी करने पड़ते थे परन्तु ब्रांच मैनेजर कि काम का दायरा काफी बड़ा और काफी जिम्मेदारी वाला होता है तो उसे हर चीज बड़ी बारीकी से सीखनी थी ! उसे किसी बड़े मैनेजर के सहयोगी के तौर पर काम सीखना था ! तो इस सब कि लिए तीन महीने का टाइम तय हुआ था ! उसे नया काम सीखना काफी अच्छा लग रहा था ! मैनेजर साहब ने उसका सब लोगों से परिचय कराया ! और उसने सोच रखा था के सबके साथ मिलजुल कर रहेगी जिससे के उसे काम सिखने में कोई परेशानी ना हो ! वैसे भी रीना का स्वाभाव काफी अच्छा था और वह सबसे मिलजुल कर ही रहती थी ! उससे सभी खुश रहते थे चाहे उसका जूनियर हो या सीनियर ! उसने खूब मन लगाकर कार किया ! उसका ऑफिस वहां पर कार से आधे घंटे की दूरी पर था पर यह दूरी दिल्ली जैसे शहर के लिए कुछ ज्यादा नहीं थी ! उसने कैब की और अभी वह रस्ते में थी के सपना का उसे फ़ोन आ गया के रात का खाना वो उनके साथ उनके घर पर खाये ! और कहा के उसने उनका घर देखा भी नहीं था ! पहले तो रीना मना कर रही थी पर जब सपना ने जिद की तो वो मान गयी ! वैसे वो खुद भी उनका घर देखना चाहती थी कि उसे कभी उनके घर जाना पड़ सकता था ! आखिर इस शहर में उसका इन दोनों कि सिवाय था ही कौन? उसने ड्राइवर को उसके gps में यात्रा का एरिया बदलने को कहा तो ड्राइवर ने कहा कि इससे किराये में थोड़ा फर्क पड़ेगा तो रीना ने कहा कि उसे मंजूर है ! ड्राइवर ने उसे उसने घर कि ठीक सामने ले जा कर खड़ा किया ! उनके एरिया में सभी मकान अच्छे थे छोटे थे परन्तु बढ़िया बने हुए थे ! वहां दिल्ली में मकान होना बड़ी बात है छोटे बड़े से कोई फर्क नहीं पड़ता ! उसने घंटी बजायी तो सपना ने दरवाजा खोला और बड़ी मुस्कान कि साथ उसका स्वागत किया ! अंदर जाते ही रीना ने चारों और निगाह डाली तो उसने देखा कि उनके घर में जरुरत की हर चीज मौजूद है ! और पूरा घर ढंग से सजा हुआ था जिसे देख कि वो खुश हुई क्यूंकि उसे भी तो यही पसंद था ! और वो कहे बिना ना रह सकी कि उसने मकान अच्छे से सजाया है तो सपना ने जवाब दिया कि यह काम तो उनके पतिदेव का है ! उन्हें ही इस तरह सब कुछ ढंग से रखने की आदत है ! तो रीना ने सोचा कि उसकी और दीपक की सोच इस मामले में तो मिलती है ! इतने में दीपक आ गया तो रीना ने कहा कि उसने मकान अच्छे से सजाया है और उसे भी सब कुछ तरतीब से होना काफी पसंद है ! दीपक ने भी उसकी इस आदत की तारीफ की, उससे मिलती जो थी ! उन दोनों ने उसके लिए काफी कुछ तैयार किया था जिसे देख कि रीना कहने लगी कि वो इतना कहाँ खाती है वो तो इतना ध्यान रखती है कि उसे अपनी सेहत को बरक़रार रखने कि लिए रोजाना जिम जाना होता है ! पर अब उसे मुश्किल होगी क्यूंकि वो जिम तो जा नहीं सकेगी तो दीपक ने कहा कि वो उसे जिम ले जाया करेगा क्यूंकि जिस जिम में वो जाता था वहां माहिलाएं भी आती थी ! उसने एक बार तो मना कर दिया ! उसे अब दीपक से कुछ झिझक सी होने लगी थी ! पर सपना ने कहा कि यदि उसे सेहत कि लिए कुछ करना है तो जाने में क्या बुराई है और ये तुम्हे लेन ले जाने की जिम्मेदारी लेते हैं ! रीना ने मन ही मन सोचा कि इसी से तो उसे दिक्कत है पर प्रत्यक्ष रूप से कुछ कह नहीं पायी और हाँ कर दी तो दीपक ने कहा कि ठीक है कल सुबह 6 तैयार रहना ! रीना ने हाँ में सर हिला दिया ! खाने से पहले दीपक ने सपना को ड्रिंक कि लिए पूछा तो उसने मना कर दिया कि वो नहीं लेती और हैरानी हुई कि उसने एक महिला को ड्रिंक कि लिए पूछा है क्यूंकि वहां यह आम बात नहीं थी पर सपना ने ड्रिंक लिया जिससे उसे और भी हैरानी हुई चलो रीना को उन्होंने कोल्ड ड्रिंक सर्वे कर दिया और साथ में कुछ स्नैक्स भी ! रीना ने थोड़ा बहुत ही खाया क्यूंकि उसे ऐसी चीजें ज्यादा पसंद नहीं थी जिससे उसकी सेहत को कोई नुकसान पहुंचे ! तभी तो वो अब भी उतनी ही खूबसूरत थी ! सपना कि हाथ में खाना बनाने की एक कला थी और रीना उसके खाने की तारीफ किये बिना नहीं रह सकी ! खाने कि बाद मीठे का भी इंतज़ाम कर रखा था सपना ने ! मतलब रीना की खातिरदारी में उन लोगो ने कोई कमी नहीं रखी थी ! असल में यह दीपक का विशाल कि साथ बचपन का प्यार था जो वो उसकी पत्नी कि लिए इतना कुछ कर रहा था ! लगभग 10.30 बजे दीपक रीना को छोड़ने गया ! रास्ते में उसे याद दिलाया कि उसे सुबह 6 बजे उठना है तो रीना ने मुस्कुराते हुए कहा कि वो अपनी सेहत से सम्बंधित किसी भी चीज को नहीं भूलती ! एक और बात दीपक ने उसके साथ साँझा करनी चाही कि उन दोनों की आदत, साफ सफाई और ढंग से सब कुछ रखना, एक जैसी है ! इस बात कि लिए रीना ने जोरदार समर्थन दिया ! रास्ता ज्यादा दूर नहीं था तो वो लोग जल्दी पहुंच गए क्यूंकि रात को वैसे भी ट्रैफिक कम ही होता है ! रीना ने औपचारिकता वश दीपक को आने कि लिए बोला लेकिन दीपक ने मना कर दिया कि वो अब सुबह आएगा ! ऐसा बोलते हुए दीपक रीना की तरफ कुछ अजीब ढंग से देख रहा था ! रीना ने यह खास तौर पर नोट किया और हैरानी तो तब हुई जब दीपक ने उसके कंधे पर हाथ रखकर बोला कि ठीक है अब मैं चलता हूँ और सुबह आऊंगा ! और तुरंत हाथ हटा लिया ! रीना को अजीब तो काफी लगा पर बोली कुछ नहीं ! दीपक ने भी देखा कि रीना कुछ गंभीर हो गयी है और वह जल्दबाजी में ही वहां से निकल गया ! और सोचने लगा कि उसने क्या कर दिया अगर ये यह बात विशाल को बता दे तो उसकी कितनी किरकिरी होगी, उसका अब तक का किया और उसकी दोस्ती सब मिट्टी में मिल जायेगा और फिर वो उसके दोस्त की पत्नी थी उसे सोचना चाहिए था ! चलो उसने सोचा कि आगे से वह इस बात का ध्यान रखेगा ! पर यह तय था कि उसके मन में रीना कि लिए कुछ तो था ! उधर रीना भी सोच रही थी दीपक कि इस व्यव्हार कि बारे में और सोच रही थी कि कहीं वो किसी गलत चक्कर में तो नहीं फस जाएगी पर फिर उसने सोचा कि वो खुले स्वभाव का जरूर है पर बुरा नहीं है ! शायद यहाँ कि रिवाज वहां से अलग हैं जैसे यहाँ औरतें भी पी सकती हैं और ये काफी आम है ! तो उसने सोचा कि वह निरर्थक ही डर रही है और ऐसी वैसी कोई बात नहीं है ! सुबह ठीक 5.55 पर दीपक ने बेल्ल बजा दी ! रीना भी तैयार थी ! उसने टाइट ट्रैक सूट पहना हुआ था वो उसे समय पर देख के खुश हुई और दीपक को भी अच्छा लगा कि वो समय से पहले तैयार है ! दोनों लोग चल पड़े और 15 मिनट में ही एक जिम में पहुंच गए ! जिम देखने में काफी अच्छा लग रहा था ! वहां पर व्यायाम की सभी मशीने थी ! था तो सब कुछ उसके जिम जैसा पर यहाँ लोग बहुत ज्यादा थे ! वहां अंदर जाते ही उसे काफी लोगों ने बुलाना शुरू कर दिया ! यहाँ कि रिवाज कि हिसाब से सब लोग गले मिलके एक दुसरे का अभिवादन कर रहे थे यहाँ तक कि दीपक लड़कियों और औरतों कि भी गले लग रहा था ! काम से काम दर्जन भर लोग तो उसे जानते ही थे ! दीपक ने रीना का परिचय उसके दोस्त की पत्नी के रूप में करवाया और कहा के ये भी अब हर रोज़ यहाँ आया करेंगी ! तो एक उसी की उम्र के आदमी ने थोड़ा मज़ाक में कहा कि फिर तो हम अब किसी दिन भी छुट्टी नहीं करेंगे ! ऐसा कह कर सब हंस पड़े और रीना थोड़ा शर्मा गयी और मन ही मन सोच कि यहाँ तो ऐसा ही चलता है और उसे ऐसे ही माहौल में निभाना पड़ेगा तो क्यों न थोड़ा एडजस्टमेंट कर ले ! दीपक ने उसका फॉर्म भरवाया और उसे एक ट्रेनर ने मशीनों कि बारे में बताना शुरू किया ! तो उसने कहा कि वो लगातार जिम जाती है और यह सब पहले से जानती है ! उसने अपने मन पसंद व्यायाम किये और अब उन लोगों को वापिस जाना था ! पहला दिन होने कि कारण उसने थोड़ा काम व्यायाम किया ! दोनों लोग चल पड़े और कार में बैठते ही दीपक ने रीना को पूछा कि अगर उसकी इच्छा है तो वो लोग पास कि ही एक रेस्टोरेंट में छाए पिने के लिए चल्यें ! रीना ने झिझकते हुए हाँ कर दी ! वो उसे एक बहुत ही अच्छे से रेस्टोरेंट में लेकर गया जहाँ पर हल्का संगीत चल रहा था ! यह किसी पुराने हिंदी गाने की केवल धुन थी और यह उसका पसंदीदा गाना था तो वो गुनगुनाने लगी ! तो दीपक अचानक बोल उठा के आपको तो गाना भी बहुत अच्छा आता है ! तो रीना ने शर्मा कर मन कर दिया और मज़ाक में कहा के वो तो बाथरूम सिंगर है ! पर दीपक ने जोर देकर कहा के वो अच्छा गति है ! रीना बस मुस्कुरा ही पायी ! दीपक ने एक टेबल की तरफ इशारा किया और खुद रीना के लिए कुर्सी खींची ! अब तक तो रीना के मन आ गया था के दीपक के मन में जरूर कुछ है और उसे खुद को इस सब से बचा के रखना है ! पर उसे उसका साथ ठीक ही लग रहा था ! चाय आयी उसने साथ में कुछ पूछा था पर रीना ने यह कह कर मन कर दिया कि उसे इस तरह की कोई भी चीज पसंद नहीं और थोड़ी ही देर में नाश्ता भी तो आना था ! इसलिए दीपक ने केवल चाय का आर्डर दिया था ! उन्होंने चाय ख़तम की और बात बात में पता चला कि दोनों की आदतें काफी सामान हैं ! जैसे घूमना फिरना, संगीत और सबके साथ जल्दी घुल मिल जाना हालाँकि रीना ने बताया कि औरत होने कि नाते उसे काफी ध्यान रखना पड़ता है किसी से घुलते मिलते समय तो दीपक ने कहा कि वो कौन से ज़माने में जी रही है अब तो औरत मर्द सब सामान रूप से एक दुसरे से बेहिचक घुलते मिलते हैं ! रीना ने केवल हाँ में सर हिलाया ! उसे अपने अंदर अपने विचारों में थोड़ा तो परिवर्तन नज़र आ रहा था और सोच रही थी कि क्या वो सचमुच पुराने ख्यालो की है ! फिर उसने उन ख्यालो से निकल कर अपनी चाय की तरफ ध्यान दिया कि इसे ख़तम करके उसे जल्दी तैयार होकर ऑफिस जाना है ! वो लोग निकले और दीपक उसे घर छोड़ कर वापिस जाने लगा और एक खास मुस्कान उसके चेहरे पर थी ! हालाँकि रीना ने भी मुस्कुरा कर उसका साथ दिया पर वो मन ही मन सोच रही थी कि कुछ तो चल रहा था ! उधर दीपक सोच रहा था कि अब तो रीना उसके साथ काफी घुल मिल गयी है और वो थोड़ा आगे बढ़ने का सोचने लगा और फिर सोचा कि उसे एक बार और मिलने का मौका मिलेगा नाश्ता देने कि बहाने ! वो घर गया जल्दी जल्दी तैयार हुआ और रीना कि खाने कि बारे में पूछने लगा ! तो उस पर सपना ने उसे पूछा कि क्या रीना आज जिम गयी थी तो उसने हाँ में सर हिलाया पर ज्यादा बात नहीं की ! तो सपना ने भी आगे कुछ नहीं पूछा! वो नाश्ता लेकर रीना कि पास गया और देखा कि वो भी तैयार थी उसने मुस्कुरा कि उसे अंदर बुलाया और बैठने को कहा और कहा कि आज वो लेट है क्यूंकि वो लोग चाय पीने चले गए थे तो दीपक तपाक से बोला कि वो लोग सीधा घर आएंगे और यहाँ नाश्ते कि समय इकठ्ठे चाय पी लिया करेंगे तो रीना ने बस इतना कहा कि ठीक है ! वो आज जल्दी में लग रही थी तो दीपक ने कहा कि उसके 10 मिनट बच सकते हैं तो रीना ने पूछा कि कैसे तो उसने कहा कि वो उसे छोड़ सकता है ! तो रीना ने कहा कि वो उस पर बोझ सा बनती जा रही है तो दीपक ने कहा कि दोस्ती में बोझ कैसा ! रीना सोच रही थी कि दोस्त तो मेरे पति का है और बता मुझे रहा है! पर उसके पास ज्यादा सोचने का टाइम नहीं था और उसने उसे हाँ कर दी ! और दोनों चल पड़े रास्ते में ज्यादा बात नहीं हुई और दीपक ने उसे थोड़ा और भी जल्दी पंहुचा दिया ! रीना जाने लगी तो उसने पूछा कि छुट्टी कितने बजे होगी तो वो बोली कि 6 बजे तो दीपक बोला कि वो उसे लेने आएगा ! तो रीना बोली कि ठीक है ! वो ठीक 6 पहुंच गया और रीना उसके साथ जाने को तैयार खड़ी थी ! बातें शुरू हुई तो दीपक ने कहा कि यह साथ में ही उसका ऑफिस है तो वो क्यों नहीं उसके साथ आती जाती तो रीना ने कहा कि उसे तकलीफ देना अच्छा नहीं लगता ! दीपक ने फिर सुबह वाली बात दोहराई कि अब तो दोस्ती हो गयी है तो रीना ने कहा ठीक है बाबा अब से आपके साथ आना जाना हो जाया करेगा ! रीना की जैसे सोचने समझने की शक्ति ही ख़तम हो गयी थी वो अब वही सोचती थी जो दीपक उसे सोचने को बोलता ! वो जैसे ही घर पहुंची तो दीपक ने पूछा कि खाना कितने बजे लेकर आये तो रीना ने कहा कि उसे ज्यादा भूख नहीं है तो दीपक ने कहा कि खली पेट नींद नहीं आएगी ! रीना ने सोचा कि इसने मानना तो है नहीं तो उसने कहा ठीक है 8 बजे ले आना ! उसने 8 इसलिए कहा क्यूंकि आने कि ठीक बाद वो आते ही विशाल को फ़ोन करती थी ! उसे जल्दी घर जाने को बोलती उसके खाने पीने के बारे में पूछती और विशाल उसके बारे में पूछता कि उसे कोई दिक्कत तो नहीं दीपक और उसकी वाइफ ध्यान तो रखते हैं तो रीना बोली कि दीपक तो हर वक्त उसकी मदद करता है और सपना भी ऐसी ही है ! उसने जिम और दीपक कि साथ ऑफिस आने जाने कि बारे में सब बता दिया तो विशाल ने इसे बड़ी सहजता से लिया और कहा कि यह बचपन का कर्ज उतार रहा है क्यूंकि विशाल ने बचपन में दीपक की बहुत मदद की थी ! ऐसे ही बातें चलती रही और फिर उसने फ़ोन रख दिया ! इतने में दीपक खाना लेकर आया ! आज पहली बार दीपक ने उसे नाईट सूट में देखा था ! असल में यह थोड़ा पतला था और पारदर्शी भी ! रीना को अब थोड़ी शर्म आ रही थी क्यूंकि दीपक ने थोड़ी देर तो घूरा पर फिर देखना बंद कर दिया ! रीना उससे एक बात पूछना चाहती थी कि क्या वहां पर सब लोग इतने ही खुले हैं तो दीपक ने कहा कि यहाँ शहर बड़ा होने की वजह से कोई किसी को जानता तो है नहीं सो कोई किसी की परवाह नहीं करता और जिसका जो मन आता है वो करता है ! रीना ने पूछा कि किसी और की पत्नी का किसी कि साथ जाना आम बात है तो दीपक ने कहा कि हाँ आम बात है अगर दोनों की रजामंदी हो तो ! असल में अब दीपक का पसंदीदा टॉपिक चल रहा था ! उसने तो यहाँ तक कह दिया अगर रजामंदी हो तो कुछ भी हो सकता है ! दीपक ने यह बात जैसे सहजता में ही कह दी पर रीना को थोड़ा अजीब लगा और वो थोड़ा शर्मा भी गयी ! वैसे वो हैरान भी थी ! उसने विषय बदलते हुए कहा कि अब खाना खा लूँ ! और दीपक से पूछा कि क्या वो भी खाना चाहता है तो दीपक ने कहा कि नहीं वो सपना कि साथ खायेगा क्यूंकि दिन में एक ही बार तो इकठ्ठे कहते हैं ! रीना केवल मुस्कुरा दी ! उसने दीपक कि लिए चाय बना दी और अपने लिए खाना डाला और बैठ गयी उसके सामने ! हालाँकि रीना को उसका व्यव्हार अजीब लग रहा था पर वो उसकी मदद तो कर ही रहा था तो रीना ने उसे धन्यवाद देते हुए कहा कि वो लोग न होते तो उसे इस अनजान शहर में काफी परेशानी होती ! तो दीपक ने हँसते हए कहा कि उसे बार बार धन्यवाद देने की जरुरत नहीं अभी तो बहुत मदद होनी बाकि है ! रीना भी हांसे बिना नहीं रह पायी ! वो दीपक को देख रही थी तो उसे लग रहा था कि वो कुछ कहना चाह रहा रहा है और उसे कुछ कुछ अंदाज़ा भी था क्यूंकि बच्ची तो वो थी नहीं और ऊपर से पढ़ी लिखी और अब तो एक सीनियर अफसर रैंक पे थी ! दीपक ने कहा नहीं कुछ खास नहीं वो भी कुछ तो बोलना चाह रहा था पर उसे लग रहा था कि अगर उसने कुछ उल्टा सीधा बोल दिया और रीना नाराज़ हो गयी तो सब कुछ ख़तम हो जायेगा इज़्ज़त भी जाएगी, रीना भी नाराज़, विशाल भी नाराज़ और सपना भी नाराज़ ! तो वो बोल नहीं पाया ! पर पता नहीं क्यों रीना आज सुनना चाहती थी और बोली कि कुछ चीजें बोल ही देनी चाहिए नहीं तो पछतावा रहता है ! दीपक ने हौसला करके बोला कि वो उसे KISS करना चाहता है ! रीना गुस्से नहीं हुई उसे पहले ही पता था कि दीपक यही कहेगा बस सहजता से कहा कि वो उसके दोस्त की पत्नी है ! तो दीपक ने फिर दोहराया कि वो लोग भी तो अब दोस्त हैं ! तो रीना ने तपाक से सवाल किया कि क्या एक दोस्त को KISS किया जा सकता है तो दीपक ने थोड़ा कूटनीतिक जवाब दिया कि दोस्त कि लिए तो कुछ भी किया जा सकता है तो रीना हसने लगी ! उसे अब उसकी बातें कुछ पसंद सी आने लगी थी ! पर उसने उसे KISS करने को नहीं बोला ! पर वो सोच रही थी कि अगर वो KISS के लिए पूछेगा तो क्या जवाब होना चाहिए ! तो उसने मन ही मन कहा कि वैसे तो उसे मन ही कर देना चाहिए पर हाँ अगर नहीं माना बस एक बार ही होगी ! दीपक की चाय ख़तम हुई और रीना का खाना ! दीपक रीना कि पास आकर बैठ गया ! रीना कि दिल की धड़कन तेज़ हो गयी ! उसने उसका हाथ पकड़ कि बोला कि क्या वो KISS कर सकता है तो वो बस इतना ही बोल सकी कि ठीक है पर गाल पर ही करना तो दीपक और पास आया तो उसने कहा कि गाल पर तो बच्चो कि लेते हैं प्यार से ! तुम कोई बच्ची नहीं और न ही मैं बच्चा हूँ ! रीना की तो जैसे जान ही निकल गयी थी! विशाल कि इलावा उसे आज तक किसी ने छुआ नहीं था ! दीपक ने उसकी गलों को अपने हाथो में लिया और उसने अपने होठों को रीना कि कंपते हुए होठों पे रख दिया ! रीना चुपचाप देख रही थी और कुछ बोल नहीं पा रही थी ! दीपक ने होठों को अच्छे से चूसा उसको यह करता देख थोड़ा रीना का भी मन किया और उसने भी उसके होठों को चूसा ! दोनों ने जोर से एक दुसरे को पकड़ रखा था ! यह एक अलग ही अनुभव था रीना कि लिए ! थोड़ी देर में दोनों अलग हुए तो रीना का सर झुक गया ! दीपक बोला के इसमें इतना सोचने की बात नहीं है क्यूंकि यह वैसे ही है जैसे खाना पीना ! तो रीना थोड़ा मुस्कुरा दी ! दीपक बोला मन तो नहीं कर रहा पर जाना पड़ेगा अब ! रीना का मन भी उसे भेजने को नहीं कर रहा था ! वो उसे जफ्फी डाल के सोना चाहती थी ! उसने रीना का हाथ पकड़ा और बहार की तरफ चला ! रीना भी किसी आज्ञाकारी की तरह उसके साथ चल रही थी ! उसने जाते जाते एक बार फिर उसके होठों पे हल्का सा चुम्बन लिया जैसे के पक्षी चोंच से चोंच लड़ाते हैं ! अंदर आ के रीना सोच रही थी के उसने यह गलत किया या सही ! वो निर्णय नहीं ले पा रही थी ! वैसे तो उसे इसमें काफी आनंद आया था पर वो सोच रही थी के आगे से ऐसा नहीं करेगी ! .........दूसरा भाग समाप्त हुआ.........अगला भाग जल्द ही......क्रमशः !
(अ)विश्वास (तीसरा भाग)
सुबह दीपक रीना को जिम के लिए लेने आया ! रीना कल की तरह तैयार थी ! वो पहले ही गेट पर तैयार खड़ी थी तो उसने बिना गाड़ी से उतरे उसे बुला लिया ! रीना ने बैठते ही पहले गुड मॉर्निंग विश किया और पता नहीं उसे क्या हुआ कि उसने खुद ही उसे कह दिया कि हलकी सी KISS अभी कर लो क्यूंकि वापसी में घर के अंदर जाके तो करोगे ही ! तो दीपक ने KISS परन्तु उसे उतना मज़ा नहीं आया क्यूंकि KISS का मज़ा हग करके ही आता है ! KISS करते ही बोला कि घर तो आना ही पड़ेगा क्यूंकि अभी उतना मज़ा नहीं आया ! रीना हंसने लगी ! वह अब पूरी तरह से उसके सम्मोहन जाल में फंस चुकी थी ! उसे उसकी हर बात अच्छी लगने लगी थी ! कई बार मन में विचार आता कि बहुत गलत कर रही है परन्तु बड़ी लापरवाही से नज़रअंदाज़ कर देती ! जिम गए वापिस आये, आते ही KISS किया फिर तैयार होने लग गए उसको उसकी आने का हमेशा इंतज़ार रहता ! शाम को उसके साथ ही वापिस आती ! आकर अब जब विशाल से बात करती तो उसकी बातों में काम और दीपक के खाना लाने इंतज़ार रहता ! इस तरह 10 - 12 दिन बीत गए इसी बीच वो कई बार रीना के साथ ही रात का खाना खा लेता ! घर पे कहता के बहार से खा के आया है ! एक दिन दीपक का फ़ोन आया के वो लोग खाना खाने बाहर जायेंगे क्यूंकि सपना अपने मायके गयी थी और सुबह लौट के आने वाली थी ! उसने उसे तैयार रहने को बोला ! रीना तैयार होके उसका इंतज़ार करने लगी ! दोनों उसी रेस्टोरेंट में गए जहाँ वो उस दिन चाय पीने गए थे ! आज रीना उसके बगल में ही बैठी ! दीपक ने रीना की पसंद का खाना मंगवाया और बातों बातों में उसको मदहोश करने वाली बातें बोल देता और यहाँ वहां छू देता ! रीना कुछ बोल ना पाती ! इतने में विशाल का फ़ोन आया तो उसने तबियत ख़राब होने का बहाना बना कर फ़ोन काट दिया ! परन्तु एक बार मन ही मन सोचा जरूर कि उसने ऐसा क्यों किया ! लेकिन समय पर हम मन की सुनते कहाँ हैं , हम तो अपने लिए वही चुनते हैं जिसे हम अपने लिए उचित समझते हैं वह नहीं जो सही में हमारे लिए उचित है !और फिर हम जब बुराई के गहरे कुँए में डूबने लगते हैं तो हमें एहसास नहीं होता के हम कहाँ जा रहे हैं परन्तु जब तक हम देखते हैं कि हम धरती से बहुत नीचे चले गए हैं तो हमें ऊपर आने का रास्ता नहीं मिलता और तब तक बहुत देर हो चुकी होती है ! वो उसके साथ इस तरह से मस्त थी जैसे के वही उसका जीवन साथी है ! वो उसे इतना समय दे रहा था कि वो उसकी तुलना अब विशाल से करने लगी जो के कम की मज़बूरी की वजह से उसे समय नहीं दे पाता था और यह तक भूल गयी के वो उसे कितना प्यार करता था ! रीना अब उस रास्ते पर चल पड़ी थी जो उसे गंदगी के ढेर पर पहुंचा रहा था पर वो गंदगी की उस दुर्गन्ध को ही सुगंध समझने लगी थी ! दीपक ने उसे टोका के वो किस सोच में डूब गयी है तो उसने कहा कि किसी में नहीं, तो दीपक ने उसे कहा कि उसे इन हसीन पलों का आनंद लेना चाहिए, क्यूंकि फिर पता नहीं यह पल कब नसीब हों ! रीना को भी लगा कि दीपक सही लग रहा है तो वो फिर से उस माया जाल में फंस गयी और उस चेताने वाली सोच को दिमाग से निकाल के परे फेंक दिया ! खाने के बाद अब घर जाने का वक्त था ! पहले तो दीपक ने उसे अपने घर चलने को कहा, परन्तु रीना नहीं मानी तो वो उसके घर चल दिया, उसे छोड़ने के बहाने और मन में तय कर रखा था कि वो आज उससे कुछ खास मांगने वाला है और उसे विश्वास था कि वो शायद ही उसे मना करे ! घर पहुंचे तो रीना ने उसे अंदर आने को बोला, वो तो इसी ताक में था के वो उसे अंदर बुलाये ! वो चला गया और सोफे पर जाकर बैठ गया ! रीना ने उसे चाय के लिए पूछा तो उसने कहा के चाय तो नहीं वह उसके होंठों का मधुर रास पीना चाहता है ! रीना ने हँसते हुए कहा के वो तो पहले से ही जानती थी कि वो ये सब मांगने वाला है और उसके पास चली गयी ! दीपक ने उसके होंठो का रस चूसना शुरू किया ! उसको भी खूब आनंद आ रहा था ! परन्तु अब दीपक के हाथ इधर उधर चलने लगे ! उसकी मर्यादा से कहीं आगे ! रीना ने ऐसा कुछ नहीं सोचा था परन्तु उसने मना भी नहीं किया ! उसके मन में अब थोड़ा डर भी लग रहा था कि दीपक और वो कहीं बहक ना जाएँ ! दीपक अब सभी मर्यादाएं लाँघ कर कुछ ऐसा करने लगा कि उसे दीपक को रोकना पड़ा ! दीपक ने आशा भरी नज़रों से उसकी तरफ देखा और उससे नज़रों ही नज़रों में मिन्नत की, रीना चुपचाप उसे देख रही थी ! और समझ गयी थी किआज इसको रोकना बहुत मुश्किल है ! उसके अंदर से एक आवाज़ सी आ भी रही थी कि रोकना है भी क्यों ! वो समझ गया कि रीना को भी सब कुछ चाहिए तो उसने उसे अपने मनमाने ढंग से सब कुछ करने को मजबूर कर दिया ! यह नहीं कि उसने रीना कि साथ कोई जबरदस्ती की , रीना ने भी उसका पूरा साथ दिया ! वह स्वयं नहीं सोच सकती थी कि यह वही रीना है जिसने शादी से पहले और शादी कि दस साल बाद तक उसने जिस मर्यादा को संभाल कि रखा था उसने उसे कुछ दिनों में ही तार तार कर दिया ! परन्तु ऐसे विचारों को वो कुछ ही पलों कि लिए आने देती फिर जल्द ही माया कि पाश में बंध जाती ! उसे यह अच्छा लग रहा था ! उसने अपने मन को इस तरह से समझा लिया था कि यदि विशाल या किसी और को पता नहीं चला तो समझो कि हुआ ही कुछ नहीं ! उसे यह नहीं पता था कि इंसान को सबसे ज्यादा यदि किसी को उचित अनुचित सिद्ध करना होता है वो होता है उसका मन ! क्यूंकि मन से तो कोई बात छुपी नहीं होती ! और गलत करने कि बाद मन ही हमें सबसे ज्यादा गाली देता है पर हम मन की सुनते कब हैं ! वो उसके साथ लेती थी और दीपक जीवन की अपनी परिभाषा उसे समझा रहा था कि जीवन एक ही बार मिलता है और उसका पूरा आनंद लेना चाहिए और उसने रीना कि आगे अपने सारे रहस्यों की परतें खोलनी शुरू की कि उसके कितने लड़कियों के साथ सम्बन्ध हैं ! तो रीना ने भोलेपन में पूछा कि उसकी पत्नी को उसके बारे में पता नहीं चलता तो उसने शेखी बघारनी शुरू की कि कैसे वो तरह तरह कि बहाने लगाकर अपनी पत्नी को बेवकूफ बनता है और जब उसे कुछ पता ही नहीं चला तो गलत काहे का ! एक बार तो रीना को लगा कि सपना एक भली औरत है और फिर उनका एक बेटा भी है जो कि बोर्डिंग स्कूल में पढता था ! अगर उसे पता चल जाये तो क्या हो ! पर उस वक्त उसे दीपक की बातें ज्यादा सही लग रही थी कि हर इंसान को अपनी ज़िंदगी अपने हिसाब से जीने का हक़ है और अभी तो वो उन ख्यालों में खोई थी जो उसके साथ अभी हुआ ! उसे उसमे बहुत आनंद आया ! उसने कभी अपने जीवन में इस तरह से प्यार नहीं किया था जैसे अभी उसके साथ किया ! वो उसे बताये जा रहा था कि उसके उसकी सहायक के साथ, उसकी पत्नी की एक सहेली कि साथ और ना जाने किस किस कि साथ सम्बन्ध थे ! और वह कुछ दोस्त लोग थे जिनमे लड़के भी थे और लड़कियां भी, महीने में एक बार किसी क्लब में जाते थे और दो दिन बिता के आते थे ! और वो दो दिन उनकी महीने भर की थकान उतार देते थे ! यह बातें रीना के मन में एक अनोखा उत्साह भर रही थी और सोच रही थी कि काश वो भी इस तरह आनंद ले पाए क्यूंकि अभी यह तीन महीने ही उसकी आज़ादी के हैं उसके बाद तो घर जाके उसे वही जीवन शुरू करना है वो सोच ही रही थी कि इतने में दीपक ने उसे कहा कि चौथे शनिवार तो उसे छुट्टी रहती है तो वो अगर चाहे तो उन लोगों के साथ चल सकती है और जीवन का आनंद अपने ढंग से ले सकती है ! रीना मन ही मन चाहती तो यही थी पर उसने कहा कि वो इस तरह से नहीं जा पायेगी ! तो दीपक ने पूछा कि क्यों नहीं तो उसने कहा कि शायद यह गलत होगा ! तो दीपक ने कहा कि सांस लेना गलत है क्या जीवन जीना है उसे अपने हिसाब से जीने में क्या बुराई है तो रीना बोली कि चलो अभी तो एक हफ्ता है अभी से सोच कि क्यों परेशान होना अगले शनिवार देखा जायेगा ! दीपक ने उससे पूछा कि अब वो चला जाये तो रीना ने कहा कि जाना जरुरी है ! दीपक बोला कि अगर नहीं भेजना चाहती तो रुक जाता हूँ तो रीना ने कहा कि हाँ रुक जाओ ! दीपक मन ही मन खुश था कि उसने अपना मन मुताबिक काम कर लिया है ! वो रीना से बोला कि उसने अपने आप को बहुत संवार के रखा है और वह अभी भी 24 - 25 से ज्यादा की नहीं लगती ! रीना अपनी तारीफ सुनकर मुस्कुरा उठी और उसके गले लग गयी ! जो पहले तारीफ सुनकर घबरा या शर्मा जाती थी आज वो उसके गले लग रही थी ! रीना उठी और फ्रेश होने कि बाद वो रसोई में गयी और दोनों कि लिए चाय बनाई ! दीपक उसके पास जाकर बैठ गया और चाय पीते पीते उसके साथ अजीब अजीब शरारत करने लगा पर अब यह शरारतें रीना को पसंद आ रही थी ! उसे यह देख के भी बड़ा सुकून मिल रहा था कि कोई हर वक्त उसके साथ है ! जो कुछ दिनों पहले उसकी कार में उसके बगल में बैठने से घबराती थी आज वो उसकी गोद में बैठी थी ! चाय पीते ही दीपक ने उसे पकड़ा और उसके बैडरूम में ले गया फिर सुबह 6 बजे रीना की आंख खुली तो उसने दीपक को जगाया और जिम कि लिए तैयार होने को बोला तो दीपक ने याद दिलाया कि आज रविवार है ! आज जिम की छुट्टी है ! तो रीना फिर से लेट गयी ! वो लगभग भूल ही गयी थी कि वो दीपक की नहीं विशाल की पत्नी थी ! और उसे एक ही दिन में यह लत की तरह लग गया था ! या फिर एक ही दिन में जीवन भर की प्यास बुझाना चाहती थी ! परन्तु यह वो प्यास होती है कि पानी कि 100 घड़ों से भी नहीं बुझती ! यह तो वो मृगतृष्णा है जिसके पीछे जितना इंसान भागता है उतना ही फंसता चला जाता है ! रीना अब यह चाहती थी कि सपना आज आये ही ना और वो आज सारा दिन उसी के साथ बिताये ! दीपक उठा और तैयार होने लगा कि सपना कहीं उसके घर पहुंचने से पहले ही आ ना जाये ! वह जाने ही वाला था कि सपना का फ़ोन आ गया कि वह पहुंचने वाली है तो उसने बहाना बनाया कि वो पास कि पार्क में सैर करने गया है और थोड़ी देर में घर पहुंच जायेगा ! वो जैसे ही घर पंहुचा तो सपना भी तुरंत ही पहुंच रही थी ! उसने मुस्कुरा के सपना का स्वागत किया और कहा कि आज सारा दिन वो घर पर ही बिताएगा ! असल में उसे नींद बहुत आ रही थी ! उधर सपना भी खुश हो गयी उसकी यह बात सुनकर ! उधर रीना ने सबसे पहले विशाल को फ़ोन किया तो विशाल ने उसकी तबियत कि बारे में पूछा तो उसने कहा कि अब वह ठीक महसूस कर रही है रीना ने भी उसको उसके खाने पीने और सेहत के बारे में पूछा तो विशाल ने उसे बताया कि सब कुछ ठीक चल रहा है बस वह उसे मिस कर रहा था ! तो इधर से रीना ने उसे कहा कि वह भी उसे मिस कर रही थी बस ट्रेनिंग पूरी होते ही घर आना ही है ! उसने रीना से उसकी ट्रेनिंग कि बारे में पूछा और पूछा कि किसी तरह की परेशानी तो नहीं, नहीं तो वो दीपक से उस बारे में काहे ! तो रीना ने उसे विश्वास दिलाया कि उसे किसी तरह की कोई परेशानी नहीं थी और दीपक और सपना उसका हर समय साथ दे रही थे! यह सब बातें करते करते एक घंटा कैसे बीत गया पता ही नहीं चला! फ़ोन रखने कि बाद रीना सोच रही थी कि विशाल कितना अच्छा है और उसकी हर छोटी बड़ी बात का कितना ध्यान रखता है ! अब रीना कि मन ही मन अंतर्द्वंद चल रहा था कि क्या उसने ऐसा करके सही किया ! क्या वो एक ऐसी राह पर नहीं चल पड़ी है जो कि उसे नर्क कि द्वार पे लेके जायेगा ! इतना अच्छा पति होते हुए उसने किसी और के बारे में सोचा भी कैसे ! चलो अब जो होना था हो गया और वो अभी तक विशाल की निगाह में उसकी वही रीना थी, पर आगे से वो उसे कभी नहीं मिलेगी ! उसने तय कर लिया था कि वो दीपक से दूरी बना लेगी और सपना को भी फ़ोन कर देगी कि उसे टिफिन भेजने की जरुरत नहीं क्यूंकि उसके पास खली समय होता है तो वो खुद ही खाना बनाया करेगी ! अब उसे सोच सोच कर पछतावा हो रहा था कि उसने ऐसा क्यों किया ! इसी समय के लिए बड़े बोलते हैं कि सबसे बचा जा सकता है परन्तु अपने मन से नहीं ! अगले दिन वो सुबह उठी और उसके आने से पहले ही जिम पहुंच गयी ! उसका फ़ोन भी नहीं उठाया तो दीपक परेशान हो गया ! उसने वहां पहुंच कर उस से पूछा कि वो पहले क्यों आ गयी ! उसने थोड़ा गंभीरता से जवाब दिया कि उसकी नींद जल्दी खुल गयी थी और वैसे भी अब वह जल्दी आया करेगी और अकेले आया करेगी तो दीपक ने इसकी वजह पूछी तो उसने साफ़ साफ़ उससे कह दिया कि अब वो उसके घर न आया करे, अब तक जो होना था वो हो गया, इसमें अकेले उसका दोष नहीं वह खुद भी उसमे दोषी थी पर अब वो नहीं चाहती थी कि वह उसे घर आये ! तो दीपक बोला कि कल तक तो सब कुछ ठीक था अब अचानक क्या हो गया ! तो रीना बोली कि नहीं कल तक सब कुछ गलत था अब सब ठीक हो गया है ! और उसे साफ़ साफ़ बोल दिया कि उसके घर खाना भी न पहुचाये वह खुद ही खाना बनाया करेगी ! दीपक को मानो विश्वास नहीं हो पा रहा था कि यह वही रीना है जो कल उसके साथ ऐसे लेती थी कि उसे घर भी जाने नहीं दे रही थी और आज उससे बात तक करने को तैयार नहीं थी ! उसने सोचा कि इन औरतों को जानना बहुत मुश्किल है ! वैसे उसकी भलाई इसी में थी कि वो रीना को तंग न करे क्यूंकि बात सपना तक पहुंच सकती थी और उसकी गृहस्थी ख़राब हो सकती थी! रीना अपनी मशीन पे व्यस्त हो गयी जैसे कि उसके साथ कोई खड़ा ही नहीं था ! वो घर गयी जाते वक्त वो रसोई का थोड़ा सामान ले गयी थी ! बाकि सब उसके पास पहले से था तो उसने फटाफट अपने लिए खाना तैयार किया और अपना टिफिन भी पैक कर लिया फिर खुद तैयार होकर नाश्ता किया और कैब बुलाई ! आज उसको दीपक का कोई फ़ोन नहीं आया ! वैसे बीच बीच में उसका खुद का मन होता कि एक बार उससे बात कर ले ! क्यूंकि उसके साथ बिताया हुआ समय भी उसे भूल नहीं पा रहा था ! पर उसने फ़ोन नहीं किया ! एक दिन वो खड़ी कैब का इंतज़ार कर रही थी तो उसके पास दीपक की गाड़ी आकर रुकी ! बारिश हो रही थी तो उसे खड़े होने भी परेशानी हो रही थी ! दीपक ने उसे आवाज़ लगाई ! तो उसने इशारे से पूछा कि क्या है ? तो दीपक बोला वो उसके साथ चले कि बारिश बहुत है तो उसने जवाब दिया कि जरुरत नहीं क्यूंकि कैब आ रही है तो दीपक ने कहा कि कैब कैंसिल करो और उसके साथ आकर बैठो तो उसने भी देखा कि कैब का आने का टाइम जो पहले 10 मिनट बता रहा था अब आधा घंटा बता रहा है ! बारिश में दिल्ली में ट्रैफिक भी बहुत हो जाता है तो इसलिए उसे आने में परेशानी हो रही होगी ! रीना को लगा कि उसे उसके साथ चलने में ही भलाई है ! वो गाड़ी में बैठी और कैब कैंसिल कर दी ! इतने में ही वो काफी भीग गयी थी और बोली कि उसकी गाड़ी ख़राब हो जाएगी तो दीपक ने कहा कि गाड़ी का क्या है ठीक हो जाएगी ! वो पीछे गया डिक्की में टॉवल था वो उसने रीना को पोछने को दिया ! रीना ने उसे धन्यवाद दिया ! दीपक चलने लगा तो आज थोड़ा वैसे भी धीरे था क्यूंकि ट्रैफिक बहुत था तो दीपक को भी बात करने का मौका मिल गया ! उसने उसके इस व्यव्हार का कारण पूछा तो रीना ने कहा कि वह अपने पति को धोखा नहीं दे सकती ! तो दीपक ने कहा कि धोखा कैसा ! उसे जो उससे नहीं मिल रहा यदि किसी और से मिल जाये तो इसमें धोखा कैसा. तो रीना ने कहा कि इंसान को संतुष्ट भी तो होना चाहिए तो दीपक ने कहा कि यह कोरी बकवास है और उन बाबाओं द्वारा बताई हुई बातें हैं जिनके चर्चे रोज टीवी पर देखने को मिलते हैं ! सो अपने मन को संतुष्ट करना ही हमारा सबसे बड़ा फ़र्ज़ है ! रीना को यह बात भी सही लगी ! और उसका मन भी तो यही चाह रहा था कि घर जाके दीपक उसे प्यार करे ! पर अब वह यह जाहिर नहीं होने देना चाहती थी ! वो लोग घर पहुंचे तो दीपक ने ढिठाई से पूछा कि वो अंदर आ सकता है या बहार से वापिस चला जाये तो रीना को अपने उस दिन कि व्यव्हार से शर्मिंदगी हुई कि उसने उसके साथ गलत व्यव्हार किया था क्यूंकि गलती तो उसकी भी थी ! उसने दीपक को अंदर आने को बोला! दीपक अंदर गया और उसे समझते हुए बोला कि मैं जानता हूँ तुम भी वही चाहती हो जो मैं चाहता हूँ तो मन को बिना वजह क्यों परेशान करना अब यहाँ कोई नहीं है तो कोई कैसे जान पायेगा कि उनमे क्या हुआ ! इतना कहना ही था कि विशाल का फ़ोन आ गया तो रीना ने उसे यह कहकर काट दिया कि बाहर बारिश बहुत थी और वो भीग गयी थी इसलिए बाद में फ़ोन करेगी तो विशाल ने ठीक है कह कर फ़ोन काट दिया इतने में दीपक उसके बाथरूम से टॉवल ले आया उसने खुद ही उसको निर्वस्त्र करके उसके शरीर को टॉवल से साफ़ करने लगा और रीना कुछ बोल ही नहीं पायी ! रीना ने उसे अंदर चलने को बोला और उसने उसके साथ वही किया जो उसने उसके साथ किया था! दीपक बहुत खुश था ! उसकी मनोकामना फिर से पूरी जो हो गयी थी ! रीना ने उसे कहा कि वो उसे जाने नहीं देने वाली तो उसने कहा कि वो भी कहाँ जाने वाला है ! उसने सपना को बोला कि उसके दोस्तों ने आज इकठे पार्टी रखी है और वो रात वही बिताने वाला था ! तो सपना ने कहा ठीक है और दीपक ने फ़ोन काट दिया ! रीना फिर से खुश थी और सोच रही थी कि अब उलटे विचार मन में नहीं आने देगी क्यूंकि वो उसके साथ बहुत खुश थी! इस तरह से दो दिन और बीत गए उसके साथ सम्बन्ध भी सामान्य हो गए और शुक्रवार आया तो दीपक ने अगले दिन कि प्रोग्राम कि बारे में पूछा तो रीना ने फट से हाँ कर दी ! उसके दो पुरुष दोस्त और दो महिला दोस्त जा रहे थे तो उसे मिला कि तीन महिला और तीन महिला हो गयी थी ! रीना ने पूछा कि वो उसके साथ रहेगी तो विशाल ने कहा कि जिसके साथ उसका मन करे ! इस एहसास ने ही उसे अंदर से झंकझोर के रख दिया था कि अब उसे किसी और का साथ भी मिल सकता है ! अगले दिन दोपहर को ही वो दोनों निकाल पड़े और गुरुग्राम की तरफ एक क्लब में जो कि प्यार करने वाले जोड़ों कि लिए ही बना था वहां पहुंच गए ! वहां उनके 4 साथी पहले ही मौजूद थे ! दो पुरुष और दो महिलाएं ! दोनों ने रीना को बहुत हसरत भरी निगाह से देखा और बारी बारी से उसे KISS किया! पहले तो रीना को अजीब लगा फिर उसे अच्छा भी लगा ! उनमे से एक थोड़ा जवान था वो उसके कंधे पे हाथ रखके उसे अंदर ले गया ! उन लोगों की पहले ही एंट्री हो चुकी थी ! अब वो दो दिन कि लिए यही थे ! वो लोग उन्हें एक बड़े रूम में ले गए जहाँ 4 -5 बीएड लगे हुए थे उन्होंने उनका सामान पकड़ा और अलमारी में रख दिया ! वो लड़का रीना को लेकर लगभग लेट गया और उसके होठो पे होठ रख दिए रीना ने भी उसे काफी उत्साह कि साथ KISS किया कि वो आनंद में डूब गया ! उसने पूछा कि उसकी शादी हो गयी तो रीना ने हंसते हुए बताया कि दस साल हो गए तो उसे विश्वास ही न हुआ ! इतने में सबने कहा कि पहले खाना मंगवाया जाये ! खाना आर्डर हुआ तो दीपक ने कहा कि रीना को तो जय पसंद आ गया है दोस्तों ! तो तीसरे पुरुष जिसका नाम विनय था ने कहा कि नहीं रीना कि साथ तो मैं रहूँगा ! तो यह सब सुनकर रीना को बहुत अच्छा लगा कि उसको कितने लोग पसंद कर रहे हैं ! दीपक ने कहा चिंता न करो भाई और रीना से भी तो पूछ लो वो किसके साथ रहेगी और हाँ हो सकता है उसको सब लोग पसंद हों! यह बातें उसके लिए बहुत अजीब थी ! खाना पीना हुआ तो सब लोग अपने अपने पार्टनर को KISS करने लगे तो रीना ने जय से कहा कि उनका रूम कहाँ है तो जय ने कहा कि सब लोग इसी हॉल में रहेंगे तो रीना ने कहा कि सब लोग सबके सामने तो उसने कहा कि हाँ वो लोग ऐसे ही रहते हैं ! कभी कभी तो 4 जोड़े होते हैं ! रीना को शर्म आ रही थी पर अब कुछ कर भी नहीं सकती थी ! उसने उसको KISS किया और इतना मदहोश कर दिया कि रीना को अब खबर ही नहीं रही कि वो इतने लोगों के साथ है और उसने जय कि साथ भी वो सब किया जो उसने दीपक कि साथ किया था ! सब कुछ होने कि बाद सब लोग चाहते थे कि ऐसे ही बैठा जाये पर रीना को शर्म आ रही थी तो उसने पास पड़ी चादर ओढ़ ली तो उनमे से एक लड़की ने कहा कि वो भी तो लड़की है और उतार दी ! रीना बस मुस्कुरा कि रह गयी ! दीपक को लगा कहीं वो उदास न हो जाये तो उसने उसे अपने पास बुलाया और अपनी गोद में बिठा लिया ! अब वो काफी हद तक आरामदायक हो गयी थी ! उसने दीपक के गोद में सर रखा और लेट गयी ! बाकी दो को भी वो छू रही थी पर उसे अब इस बात की परवाह नहीं थी ! शायद उसके लिए यह सब आम हो गया था ! अब उसने अगली बार खुद ही तीसरे को चुना ! शायद उसे अब दुनिआ का हर आदमी चाहिए था ! वो भी उसे पाकर बहुत खुश था और उन दोनों ने काफी आनंद लिया ! यह बात भी उसे पहली बार ही पता चली कि कुछ लोग इस तरह इकठे होते हैं और परवाह किये बिना एक दुसरे को इस तरह से पाते हैं ! दो दिन में उन लोगों ने जाने कितनी बार और कितनी बार अलग अलग से प्यार किया ! रीना को तो गिनती भी याद नहीं थी ! उसे बहुत अच्छा लग रहा था ! विशाल को उसने बोल रखा था कि दो दिन की वर्कशॉप है और दो दिन वो काफी व्यस्त रहने वाली यही ! विशाल ने उसकी बात को पूरी ज़िन्दगी में कभी काटा नहीं था तो अभी क्या काटता! अगले दिन रात रहने का प्रोग्राम भी बन गया और इतना प्यार हुआ जिसकी कोई इन्तहा नहीं थी ! वो अब थक गयी थी और सोमवार को ऑफिस से छुट्टी लेने की सोच रही थी ! काम को भगवान समझने वाली रीना काम से ही जी चुरा रही थी ! उसने छुट्टी ले ली और घर पर ही आराम करने लगी दीपक ने आना चाहा तो उसने माना कर दिया कि वो बहुत ही ज्यादा थक गयी है और अब और कुछ नहीं चाहती ! तो दीपक ने भी जाना ही बेहतर समझा ! उसकी नींद भी पूरी नहीं हुई थी! वो लेटते ही सो गयी और लगभग दोपहर के 2 बजे उठी ! उसे अब भी चक्कर आ रहे थे ! वो सच में काफी थक गयी थी ! उसको भूख लगी थी ! घर में खाने को कुछ खास नहीं था तो उसने सोचा कि पास में मार्किट से कुछ खा आती है ! वो घर से निकली पैदल ही वहां से चल पड़ी ! उस कॉलोनी से निकाल कर सड़क पार करने लगी ! उसे अभी भी चक्कर से आ रहे थे , जाना मुश्किल था पर भूख भी लगी थी तो उसे जाना ही पड़ा ! वो जैसे ही सड़क पार करने लगी तो उसे होश ही नहीं था कि लाइट कौन सी है रेड लाइट में ही सड़क पार करने लगी जैसे ही पार करने कि लिए सड़क पर उतरी एक बहुत ही तेज गाड़ी उससे टकरा गयी और वो दूर जाकर गिरी ! वो गिरते ही बेहोश हो गयी ! पता नहीं किसने उसके पर्स में से उसका फ़ोन निकाल कर सबसे लास्ट वाला नंबर डायल किया जो कि उसके पति का था ! उसके पति ने दीपक को फ़ोन करके बताई हुई लोकेशन पर भेजा ! सपना ने जल्द पहुंच कर उसे हॉस्पिटल पहुंचाया ! विशाल 6 घंटे का सफर 4 घंटे में तय करके वहां पहुंच गया ! उसको 7 8 घंटे बाद होश आया तो पता चला कि उसका एक्सीडेंट हो गया था और विशाल 4 घंटे में वहां पहुंच गया था ! सुन कर उसको इतना अच्छा लगा कि वो उसकी कितनी परवाह करता है ! सपना ने बताया कि उसने कुछ खाया भी नहीं था ! रीना को काफी चोट आयी थी और उसे एक हफ्ते से भी ज्यादा हॉस्पिटल में गुजरना था ! वो पूरा हफ्ता विशाल ने काम की परवाह न करते हुए उसके साथ बिताया और जब उसे हॉस्पिटल से छुट्टी मिली तो वो 2 3 और रुकना चाह रहा था तो रीना ने कहा कि उसको उसका काम देखना चाहिए तो विशाल ने कहा कि कोई भी काम उससे बढ़कर नहीं है ! रीना सोच रही थी कि विशाल और उसमे कितना अंतर है ! वो सोचती थी कि काम उसके लिए उससे बढ़कर है पर जब समय आया तो उसने यह सिद्ध कर दिया कि रीना कि आगे विशाल के लिए कुछ भी नहीं है उसका काम भी नहीं ! रीना इतनी ज्यादा शर्मिंदा थी कि उसने विशाल का विश्वास तार तार कर दिया था और भगवान् ने ही उसे यह सजा दी थी ! मन ही मन उसने तय किया कि अब कुछ भी हो जाये उसे उस रास्ते पर अब कभी नहीं जाना ! सोचने लगी कि कितना भोला है उसका पति जो उस पर अपनी जान लुटाता है ! और एक वह है जो अपने मज़े कि लिए किस तरह विश्वास को लगातार चोट पंहुचा रही थी ! उसे उसकी करनी की बिलकुल सही सजा मिली थी और अब उसके लिए सँभालने का समय था ! क्यूंकि वो अब भी नहीं सम्भली तो कभी नहीं सम्भल पायेगी ! दीपक उसके लिए हॉस्पिटल से दवा लेने गया था बाद में दीपक आया उसका हाल चाल पूछने तो उसने उसे कहा कि अब उसने पूरी तरह से ठान लिया है कि वो अपने पति को धोखा नहीं देगी और अब अगर उसने अपनी चिकनी चुपड़ी बातें करनी बंद न की तो वो सीधा सपना को उन दोनों कि बारे में और बाकी सबके बारे में बता देगी! और उसने उसे उसी वक्त दफा होने को बोला और फिर कभी अपना मुँह न दिखाने को कहा ! उसकी बातें सुनते ही दीपक ने खिसकने में ही अपनी भलाई समझी! विशाल आया तो रीना रोने लगी कि उसने नहीं करनी कोई ट्रेनिंग और वो उसे साथ ले जाये तो विशाल ने सहमझाया कि जीवन में छोटी मोटी घटनाएं तो होती रहती हैं और इन घटनाओं की वजह से जीवन नहीं रुकता ! रीना को जीवन की असली परिभाषा भी समझ आ गयी थी कि यह मौज मस्ती नहीं पति पत्नी का आपसी प्यार और विश्वास है जो इंसान को एक सुखी जीवन प्रदान करता है ! विशाल दो दिन में वापिस चला गया और रीना अपनी ट्रेनिंग पूरी करके ब्रांच मैनेजर बनके वापिस लौट गयी ! और वह बहुत खुश भी थी कि उसे जीवन की एक बहुत बड़ी सीख मिल गयी थी ! उसने पुरानी बातों को भुला कर नए तरीके से अपनी जिंदगी की शुरुआत की जिसमे उसके पास सिर्फ विशाल कि लिए ही प्यार था.................समाप्त......कैसी लगी दोस्तों कहानी ?